CM सिटी में हजारों घरों तक बांस-बल्ली के सहारे पहुंच रही बिजली, जानें-क्या है असली वजह Gorakhpur News
गोरखनाथ क्षेत्र के ग्रीन सिटी में कई घरों तक बांस-बल्ली के सहारे बिजली गई है। कुछ समय पूर्व तैनात रहे एक कर्मचारी ने रुपये लेकर जमकर कनेक्शन दिलवायेे।
गोरखपुर, जेएनएन। बांस-बल्ली पर दिए गए बिजली कनेक्शन के लिए नई लाइन बनाने को सर्वे शुरू हो चुका है। 17 अगस्त के पहले शहर के सभी उपखंड अधिकारियों (एसडीओ) को अपने क्षेत्र में बांस-बल्ली हटाने में होने वाले खर्च की जानकारी देनी है। नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल बांस-बल्ली हटाने और नई लाइन बनाने में होने वाले खर्च के लिए शासन को प्रस्ताव भेजेंगे। यह दूसरी बार है जब बांस-बल्ली हटाने के लिए सर्वे हो रहा है। कुछ साल पहले सर्वे हुआ था। उस समय आठ करोड़ रुपये की जरूरत थी। रुपये तो नहीं मिले लेकिन सख्त निर्देश दिए गए थे कि 40 मीटर के नियमों का पालन हर हाल में हो, पर इंजीनियरों ने इसे माना नहीं।
ग्रीन सिटी में कई घरों तक बांस-बल्ली के सहारे गई है बिजली
गोरखनाथ क्षेत्र के ग्रीन सिटी में कई घरों तक बांस-बल्ली के सहारे बिजली गई है। कुछ समय पूर्व तैनात रहे एक कर्मचारी ने रुपये लेकर जमकर कनेक्शन दिलवायेे। जिन्होंने रुपये नहीं दिए उनको दौड़ाया गया और रुपये जमाकर पोल लगवाने के बाद कनेक्शन दिए गए। जेल बाइपास रोड किनारे लगातार नई कॉलोनियां बसती जा रही हैं। नियमानुसार कॉलोनाइजर्स की ओर से विकसित कॉलोनियों में बिजली निगम सीधे कनेक्शन नहीं दे सकता। निगम के खाते में रुपये जमा करने के बाद ही लाइन बिछाई जाती है, लेकिन रुपये लेकर धड़ल्ले से कनेक्शन दिए जा रहे हैं। पोल से 40 मीटर से ज्यादा दूरी पर कनेक्शन न देने के नियम को रुपयों की गड्डी ने भुला दिया। शहर के हजारों घरों में बांस-बल्ली के सहारे बिजली पहुंच रही है। कई इलाकों में तो आधे किलोमीटर की दूरी से बांस-बल्ली के सहारे बिजली पहुंचाई गई है।
इन इलाकों में ज्यादा कनेक्शन
शहर के विस्तार के साथ ही नई कॉलोनियां भी बसती गईं। बिछिया, तारामंडल, मेडिकल कॉलेज रोड पर कॉलोनाइजर्स ने सड़क, बिजली और पानी का झांसा देकर प्लॉट बेचे और फिर गायब हो गए। नागरिक मकान बनवाने पहुंचे तो पता चला कि बिजली नहीं मिल सकती। इसके लिए कॉलोनाइजर्स को पोल, तार, ट्रांसफार्मर आदि के रुपये बिजली निगम में जमा करने होंगे। इस काम में लाखों रुपये खर्च होते। कॉलोनाइजर्स के गायब होने के बाद नागरिकों ने कर्मचारियों और इंजीनियरों को सेट कर कनेक्शन ले लिया।
आए दिन टूटकर गिरती है केबिल
बांस-बल्ली पर गुजरी बिजली की केबिल आए-दिन टूटकर गिरती रहती है। कई जगहों पर तो टूटी केबिल सड़कों पर पड़ी रहती है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। अधीक्षण अभियंता यूसी वर्मा का कहना है कि
बांस-बल्ली हटाकर पोल और नई लाइन बिछाने के लिए सर्वे शुरू हो गया है। 17 अगस्त से पहले रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही संभावित बजट के बारे में जानकारी हो सकती है।