बिजली व‍िभाग का कारनामा: 1.70 लाख उपभोक्ताओं का बना दिया गलत बिल

आरडीएफ आइडीएफ व सीडीएफ एनआर श्रेणी में बड़ी संख्या में बिल बनने से उपभोक्ताओं व अभियंताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जोन के सभी छह वितरण मंडलों के अभियंताओं ने बिल‍िंग एजेंसी द्वारा बड़ी संख्या में गलत रीड‍िंग पर बिल बनाए जाने की सूचना पूर्वांचल एमडी को दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 01:30 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 08:31 PM (IST)
बिजली व‍िभाग का कारनामा: 1.70 लाख उपभोक्ताओं का बना दिया गलत बिल
गोरखपुर में बिजली व‍िभाग ने 1.70 लाख उपभोक्‍ताओं को गलत बिल भेज द‍िया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवादाता। मीटर रीडरों की लापरवाही से विभिन्न वितरण खंड मंडलों के करीब 1.70 लाख उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, इन उपभोक्ताओं का मीटर रीडरों ने घर बैठे गलत रीड‍िंग का बिल बनाया है। वहीं आरडीएफ, आइडीएफ व सीडीएफ, एनआर श्रेणी में बड़ी संख्या में बिल बनने से उपभोक्ताओं व अभियंताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। परेशान उपभोक्ता बिल सुधार के लिए बिजली दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं। जोन के सभी छह वितरण मंडलों के अभियंताओं ने बिल‍िंग एजेंसी द्वारा बड़ी संख्या में गलत रीड‍िंग पर बिल बनाए जाने की सूचना पूर्वांचल एमडी को दी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में हुई सबसे ज्यादा गड़बड़ी, आरडीएफ व आइडीएफ के मामले बढ़े

जुलाई में ऊर्जा निगम के चेयरमैन ने स्थानीय अभियंताओं के साथ वर्चुअल समीक्षा बैठक में बिल‍िंग एजेंसी की शिकायत मिलने पर उन्होंने नई बिल‍िंग व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे। उन्होने एक ट्रांसफार्मर से जुड़े कनेक्शनों की बिल‍िंग होने के बाद ही दूसरे ट्रांसफार्मर पर बिल‍िंग शुरु करने का निर्देश दिया था। इसके लिए एजेंसी के मीटर रीडरों के लिए बीट तय करने की जिम्मेदारी अभियंताओं को सौंपी गई थी। सभी खंडों के अभियंताओं ने अपने-अपने क्षेत्र के मीटर रीडरों का बीट र्चाट बनाया। इसके बाद अगस्त माह में नई बिल‍िंग व्यवस्था लागू की गई। शहर में तो मीटर रीडर घर-घर गए, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में मीटर रीडरों ने ज्यादातर कनेक्शनों का डेटा लेकर घर बैठे ही बिल बना डाले। इसका नतीजा यह हुआ कि सभी 19 वितरण खंडों में करीब 1.70 लाख कनेक्शनों के बिल रीड‍िंग डिफेक्ट, सिल‍िंग डिफेक्ट व अन्य श्रेणी में बिजली बिल बन गए। सितंबर में बिल‍िंग शुरू होते ही मामला सामने आ गया। क्योंकि इस माह गलत भी गलत श्रेणी में ही बिल बनने लगे।

बिल ठीक कराने के लिए बिजली दफ्तर का चक्कर लगा रहे उपभोक्ता

अभियंताओं ने आनलाइन बिल‍िंग सिस्टम में जांच की तो हैरान रह गए। इसके बाद बिल सुधार का काम शुरू हुआ। शनिवार तक करीब 50 हजार कनेक्शनों के बिल सुधार दिए गए थे। बिजली निगम के अधिकारियों का कहना है कि बिल‍िंग एजेंसी बीसीआइटीएस का अनुबंध सितंबर के अंतिम सप्ताह में खत्म हो रहा है, इसलिए मीटर रीडर बिल‍िंग के कार्य में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ग्रामीण वितरण मंडल प्रथम के अधिक्षण ई. राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि बिल‍िंग एजेंसी के मीटर रीडरों ने बड़ी सख्या में आरडीएफ, सीडीएफ व आईडीएफ श्रेणी में बिजली बिल बनाए हैं। सभी खंडों में बिल सुधार की प्रक्रिया चल रही है। पूर्वांचल एमडी को मामले से अवगत कराया गया है।

chat bot
आपका साथी