Railway News: अगले माह से नेपाल सीमा तक दौड़ने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, बढ़ेगी भारत-नेपाल की कनेक्टिविटी

Railway News अगस्त में नेपाल सीमा तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल अंतर्गत आनंदनगर से नौतनवा तक करीब 41 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण भी पूरा हो गया है। रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण की तैयारी चल रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:02 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:10 PM (IST)
Railway News: अगले माह से नेपाल सीमा तक दौड़ने लगेंगी इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें, बढ़ेगी भारत-नेपाल की कनेक्टिविटी
जुलाई से नेपाल सीमा तक इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Railway News: अगस्त में नेपाल सीमा तक इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल अंतर्गत आनंदनगर से नौतनवा तक करीब 41 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण भी पूरा हो गया है। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) के निरीक्षण की तैयारी चल रही है। सीआरएस की हरी झंडी मिलते ही इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा। इलेक्ट्रिक इंजन वाली ट्रेनों का संचालन शुरू होने से नेपाल से भारी की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

आनंदनगर- नौतनवा 41 किलोमीटर रेलमार्ग का भी पूरा हुआ विद्युतीकरण

हालांकि, गोरखपुर से आनंदनगर तक लगभग 42 किमी रेलमार्ग का विद्युतीकरण पहले ही हो चुका है। आनंदनगर तक इलेक्ट्रिक से चलने वाली मालगाड़ियों का संचालन शुरू है। अब गोरखपुर से सीधे नौतनवा तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें चलने लगेंगी। यात्री ट्रेनें ही नहीं मालगाड़ियों का संचालन भी आसान हो जाएगा। गोरखपुर में इंजन नहीं बदलना पड़ेगा। नौतनवा को आटोमोबाइल्स टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है। नेपाल को निर्यात किए जाने वाले आटोमोबाइल्स की ढुलाई शुरू हो गई है। स्टेशन यार्ड के री-माडलिंग तथा माल गोदाम बनाने की योजना है। कंटेनर से सामान की ढुलाई की तैयारी चल रही है।

मार्च तक पूरा हो जाएगा आनंदनगर-गोंडा रूट का विद्युतीकरण

बढ़नी के रास्ते आनंदनगर- गोंडा रेलमार्ग का विद्युतीकरण भी शुरू है। अगस्त के बाद इस रूट का कार्य भी तेज हो जाएगा। रेलवे प्रशासन ने मार्च 2022 तक का लक्ष्य रखा है। पूर्वोत्तर रेलवे में 70 फीसद रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। रेल मंत्रालय ने 2023 तक सभी रेलमार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा, गोरखपुर-भटनी-वाराणसी, छपरा-बलिया-वाराणसी और गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर पहले से ही इलेक्ट्रिक इंजन से चलने वाली ट्रेनें फर्राटा भर रही हैं।

विद्युतीकरण के फायदे

रेलवे के खर्चों में आएगी कमी।

समय की बचत होगी, ट्रेनें बढ़ेंगी।

स्टेशनों पर बिजली की व्यवस्था।

तेल से संभावित दुर्घटनाएं खत्म।

पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा।

पूर्वोत्तर रेलवे में 70 फीसद से अधिक रेलमार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। आनंदनगर- नौतनवा रेल खंड के विद्युतीकरण का कार्य तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। अगले माह इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।

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