कोशिशें बेकार, महराजगंज जिले में रफ्तार नहीं पकड़ रही धान खरीद

मिनी पंजाब कहे जाने वाले तराई के महराजगंज जिले में शासन-प्रशासन के लाख कवायद के बाद भी किसानों से धान की खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। केंद्रों पर कहीं बोरे का अभाव तो कहीं धान की नमी का हवाला देकर किसान लौटाए जा रहे हैं।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 08:05 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 08:05 AM (IST)
कोशिशें बेकार, महराजगंज जिले में रफ्तार नहीं पकड़ रही धान खरीद
साधन सहकारी समिति भिटौली में धान तौल करते पल्लेदार। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। खेती-किसानी की लिहाज से मिनी पंजाब कहे जाने वाले तराई के महराजगंज जिले में शासन-प्रशासन के लाख कवायद के बाद भी किसानों से धान की खरीद रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है। केंद्रों पर कहीं बोरे का अभाव तो कहीं धान की नमी का हवाला देकर किसान लौटाए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि अभी तक सिर्फ 30 हजार एमटी ही धान की खरीद हो सकी है। जो कि तय लक्ष्‍य की तुलना में काफी पीछे है।

बनाए गए हैं 189 क्रय केंद्र

जिले में खाद्य विभाग, भारतीय खाद्य निगम, उप्र. सहकारी संघ, नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया लिमिटेड, उप्र. कोआपरेटिव यूनियन, उप्र. उपभोक्ता सहकारी संघ तथा कृषि उत्पादन मंडी परिषद के सहित कुल 189 केंद्र बनाए गए हैं। इन केंद्रों पर कुल दो लाख उन्सठ हजार पांच सौ क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित है।

क्रय केंद्रों पर नहीं पहुंच रहा बोरा

लेकिन अभी सवा माह बाद भी खरीद में तेजी नहीं आ पा रही है। केंद्रों पर बोरा आ अभाव बना हुआ है। किसान परेशान है। विभाग पुराने उपयोगी बोरे में खरीद कराकर किसी तरह काम चला रहा है। उधर केंद्रों की समस्या को देखते हुए प्राइवेट साहूकार चांदी काट रहे हैं।

एजेंसी केंद्रों की संख्या खरीद (एमटी)

खाद्य विभाग- 33 5286.31

एफसीआइ 2 434.12

पीसीएफ 62 8373.70

एनएएफइडी 4 255.16

यूपीसीयू 54 9499.32

यूपीएसएस 32 5888.95

मंडी परिषद 2 567.32

कुल 189 30284.91

सचिवों को अधिक से अधिक खरीदारी करने के दिए गए निर्देश

जिला खाद्यय विपणन अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि अब 5806 किसानों से 30284 एमटी धान की खरीद हुई है। किसानों को 58 करोड़ 76 लाख 18 हजार 809 रुपये भुगतान किए गए हैं। सचिवों को अधिक से अधिक किसानों से धान खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र से किसी किसानों को लौटाना नहीं है। किसानों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसके लिए केंद्रों का लगातार निरीक्षण कर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

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