शिक्षा सरकार नहीं समाज नियंत्रित होनी चाहिए

कुशीनगर के बुद्ध पीजी कालेज में आयोजित शिक्षक उत्तरदायित्व और चुनौतियां विषयक शिक्षक सम्मेलन में इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. बालमुकुंद पांडेय ने कहा शिक्षक के समक्ष समाज में सम्मान स्थापित करना चुनौती है शिक्षक को सभी कार्य करने वाला औजार समझता है शासन।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 11:22 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 11:22 PM (IST)
शिक्षा सरकार नहीं समाज नियंत्रित होनी चाहिए
शिक्षा सरकार नहीं समाज नियंत्रित होनी चाहिए

कुशीनगर: इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा. बालमुकुंद पांडेय ने कहा कि शिक्षा समाज द्वारा संचालित होनी चाहिए न कि सरकार द्वारा। शिक्षा का सम्मान बढ़ने से शिक्षक का सम्मान बढेगा। शिक्षक धरती के देवता हैं। आज शिक्षक के सामने समाज में अपना सम्मान स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती है।

वह शनिवार को बुद्ध पीजी कालेज कुशीनगर में सामयिक परिप्रेक्ष्य में शिक्षक : उत्तरदायित्व और चुनौतियां विषयक शिक्षक सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कहा कि शिक्षक का समाज निर्माण में बहुत बड़ा दायित्व है। उन्हें आचार्यत्व की अनुभूति करना होगा। इसी से शिक्षक समाज में खोई हुई प्रतिष्ठा को पुन: प्राप्त कर सकेगा। उन्होंने अनेक प्रसंगों का वर्णन करते हुए कहा कि ज्ञान के लिए डिग्री की जरूरत नहीं बल्कि वृति की जरूरत होती है। छात्रों के अंदर की आग को ऊर्जा के रूप में एकत्रित कर राष्ट्र की प्रगति में कैसे सहायक बनाएं, यह शिक्षक का उत्तरदायित्व है।

विशिष्ट अतिथि व पूर्व प्राचार्य डा. दयाशंकर तिवारी ने कहा कि भारत में आचार्य सर्वोपरि होता था। राजा भी आचार्य के पास विमर्श करने जाते थे। अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डा. सिद्धार्थ पांडेय ने कहा कि शिक्षक और शासन व्यवस्था दोनों वर्तमान स्थिति के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। शासन शिक्षक को दुनिया के सभी कार्य करने वाला औजार समझता है और दूसरी ओर उससे आदर्श शिक्षक बनें रहने की अपेक्षा भी करता है। आयोजक भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला संयोजक व पूर्व प्राचार्य डा. अमृतांशु कुमार शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार व शिक्षकों के बीच असंतोष को दूर करने के लिए रास्ते की तलाश करनी होगी। कहा कि सरकार शिक्षकों की समस्याओं को दूर करने में सक्षम है।

संचालन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला प्रमुख डा. निगम मौर्य ने किया। डा. विनोद कुमार सिंह ने आभार ज्ञापित किया। नेहा कुशवाहा, सलोनी शुक्ला, जूही, निधि, डा. कौस्तुभ नारायण मिश्र, डा. सिद्धि केसरवानी, डा. गौरव तिवारी, डा. आरपी मिश्र, डा. अनूज कुमार, डा. आरबी मिश्र, डा. रविशंकर प्रताप राव, डा. राकेश राय, डा. हरिशंकर पांडेय, डा. इंद्रासन प्रसाद, सौरभ द्विवेदी, डा. अजित तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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