जानें, स्‍कूल छोड़ने वाले हर बच्‍चे पर 860 रुपये क्‍यों खर्च करने जा रही है योगी सरकार

स्‍कूल छोड़ चुके बच्चों के प्रशिक्षण के लिए प्रति बच्चे 860 रुपये की दर से शासन ने 34 लाख 62 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। शारदा कार्यक्रम के तहत गोरखपुर में चिह्नित 4026 बच्चों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व नोडल अध्यापक को सौंपी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 09:55 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:55 AM (IST)
जानें, स्‍कूल छोड़ने वाले हर बच्‍चे पर 860 रुपये क्‍यों खर्च करने जा रही है योगी सरकार
स्‍कूल छोड़ने वालों बच्‍चों को सरकार प्रश‍िक्षण द‍िलवाने की तैयारी कर रही है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिषदीय स्कूलों में शैक्षिक सत्र 2021-22 में 7 से 14 आयु वर्ग के चिह्नित ड्राप आउट बच्चों का विद्यालयों में नामांकन कराकर उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। बच्चों के प्रशिक्षण के लिए प्रति बच्चे 860 रुपये की दर से शासन ने 34 लाख 62 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। योजना के अंतर्गत चिह्नित ड्राप आउट बच्चों काे प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आयु संगत कक्षा में नामांकन कराकर, शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन करने के बाद ही आयु संगत कक्षा के शैक्षणिक स्तर तक ले जाने के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। जिसके आधार पर उनको उपयुक्त कक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। 

गोरखपुर में 4026 बच्‍चे चिह्नित

शारदा कार्यक्रम के तहत जिले में चिह्नित 4026 बच्चों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक व नोडल अध्यापक को सौंपी गई है। जो बच्चों को विद्यालय परिसर में ही विशेष प्रशिक्षण देंगे। प्रत्येक बच्चों को उनके नामांकन के अनुसार पाठ्य सामग्री व अन्‍य शिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी।

प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी शिक्षण सामग्री

प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को जो प्रमुख शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी उनमें पेंसिल, रबर, कटर, कापी व कलर आदि शामिल हैं। इनका क्रय विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा की जाएगी। जांच में सामानों की गुणवत्ता खराब मिलने पर सदस्य सचिव विद्यालय प्रबंध समिति के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशिक्षण पर नजर रखेंगे विभागीय अधिकारी

ड्राप आउट बच्चों को दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण पर विभागीय अधिकारी नजर रखेेंगे। निरीक्षण की नियमिति जिम्मेदारी एडी बेसिक, बीएसए, खंड शिक्षाधिकारी, नगर शिक्षाधिकारी, जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता एवं एआरपी की हाेगी।

शासन के निर्देश पर चिह्नित बच्चों का नामांकन कराकर जल्द ही प्रशिक्षण समय सारिणी के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर कराई जाएगी। इसको लेकर नोडल शिक्षकों को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। - डा. ज्ञान प्रकाश, जिला समन्वयक, सामुदायिक सहभागिता।

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