Indian Railways: होली से शुरू होगी ई-कैटरिंग, फरवरी से 250 ट्रेनों में मिलेगी यह सुविधा
IRCTC ने ट्रेनों में ई-कैटरिंग (फूड आन ट्रैक एप) की सुविधा देने की तैयारी फिर शुरू कर दी है। पहले चरण में फरवरी से लखनऊ और वाराणसी समेत 57 स्टेशनों पर करीब 250 ट्रेनों में यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। रेल यात्रियों के दिन धीरे-धीरे बहुरने लगे हैं। जल्द ही यात्रा के दौरान सीट पर ही मनपसंद नाश्ता और खाने की थाली होगी। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) ने ट्रेनों में ई-कैटरिंग (फूड आन ट्रैक एप) की सुविधा देने की तैयारी फिर शुरू कर दी है। इसके लिए यात्री को मोबाइल या लैपटाप पर सिर्फ एक क्लिक करना होगा।
पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी और दूसरे में गोरखपुर में मिलेगी सुविधा
पहले चरण में फरवरी से लखनऊ और वाराणसी समेत 57 स्टेशनों पर करीब 250 ट्रेनों में यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। दूसरे चरण में मार्च में होली पर्व तक गोरखपुर में भी सौगात मिल जाएगी। यात्रा के दौरान नाश्ता और खाना के लिए यात्री को आइआरसीटीसी ई कैटरिंग एप फूड आन ट्रैक या टेलीफोन नंबर 1323 पर फोन करना होगा। आर्डर मिलते ही चयनित कंपनियों के वेंडर निर्धारित स्टेशनों के प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन के सीट पर बैठे यात्री को खानपान की सामग्री उपलब्ध कराएंगे। यात्री आनलाइन भुगतान कर सकेंगे। वेंडर से रसीद लेने के बाद मौके पर भी भुगतान कर सकते हैं। जानकाराें के अनुसार यात्री लोकप्रिय क्षेत्रीय और स्थानीय व्यंजनों के साथ प्रतिष्ठित ब्रांडों के पसंद का नाश्ता और भोजन (लिट्टी-चोखा, पूड़ी-सब्जी, चावल-दाल, दही, खीर, मटन, बिरयानी, मछली, पिज्जा और बर्गर आदि) आर्डर कर सकते हैं।
मार्च 2020 से बंद है ई कैटरिंग की व्यवस्था
दरअसल, इधर ई कैटरिंग के तहत रेडी टू ईट व्यवस्था फिर से शुरू करने की मांग बढ़ने लगी है। देश में लाकाडाउन के साथ ही 22 मार्च 2020 से यह व्यवस्था पूरी तरह से बंद हो गई थी। यात्रियों की सुविधा के लिए वर्ष 2014 से यह व्यवस्था भारतीय रेलवे स्तर पर संचालित है।
शीघ्र ही चरणबद्ध तरीके से गाड़ियों में ई कैटरिंग सेवाओं को फिर से शुरू करने की तैयारी चल रही है। रेल मंत्रालय ने अनुमति दे दी है। प्रथम चरण में फरवरी से यह सेवा शुरू हो जाएगी। जिसमें स्टेशनों और ट्रेनों की सूची तैयार कर ली गई है। सेवा के दौरान कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। - आनंद झा, जनसंपर्क अधिकारी- आइआरसीटीसी।