..तो पानी को तरसेंगे सीएम सिटी के लोग, जानें-क्या है मामला
गोरखपुर शहर में पेयजल आपूर्ति का संकट बढ़ने का खतरा शुरू हो गया है। जलकल के सभी कर्मचारियों की चुनाव में डयूटी लग गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। शहर में पेयजल आपूर्ति का संकट बढ़ने का खतरा शुरू हो गया है। वैसे भी पूरे शहर में जलकल विभाग की तरफ से ठीक ढंग से जलापूर्ति नहीं की जा पा रही है। अब जबकि जलकल के अधिकतर कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लग गई है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि पेयजल आपूर्ति किस तरह से हो सकेगी। विभाग भी इस खतरे को भांप रहा है, पर उसकी मजबूरी है कि वह चुनाव डयूटी में लगे कर्मचारियों को वापस नहीं बुला सकता है।
जलकल विभाग में में तैनात दो जेई के अलावा 22 चौकीदार/बेलदार हैं। लीकेज या पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर जेई उसका समाधान करते हैं, जबकि अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह, दोहपर व शाम को ट्यूबवेल चलाने की है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी पर लगे कर्मचारी ट्यूबवेल नहीं चला पाएंगे। वहीं जलकल का कहना है कि चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की सूची भेजते वक्त विभाग से राय नहीं ली गई। नगर निगम के जलकल विभाग में कर्मचारियों की वैसे भी भारी कमी है। 70 वार्डो के लिए सिर्फ दो जेई हैं, जबकि मानक के अनुसार छह वार्ड में एक अवर अभियंता होने चाहिए।
शहर में कहीं भी पाइप टूटने, लीकेज या ट्यूबवेल खराब होने पर जेई को मौके पर भेजा जाता है। इसी तरह वार्डो में लगे ट्यूबवेल को चलाने की जिम्मेदारी 22 चौकीदार/बेलदार के जिम्मे है। उन्हें सुबह पांच बजे, दोपहर 12 बजे तथा शाम पांच बजे ट्यूबवेल चलाना पड़ता है। इतने कर्मचारी अगर एक साथ अनुपस्थित हुए तो पेयजल आपूर्ति लड़खड़ा सकती है। इस परेशानी को समझते हुए कुछ कर्मचारियों के नाम चुनाव ड्यूटी से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जलकल के महाप्रबंधक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि ट्यूबवेल चलाने और पानी का टैंकर पहुंचाने वाले कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। नाम कटवाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है।
जलकल विभाग में में तैनात दो जेई के अलावा 22 चौकीदार/बेलदार हैं। लीकेज या पेयजल आपूर्ति बाधित होने पर जेई उसका समाधान करते हैं, जबकि अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी सुबह, दोहपर व शाम को ट्यूबवेल चलाने की है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी पर लगे कर्मचारी ट्यूबवेल नहीं चला पाएंगे। वहीं जलकल का कहना है कि चुनाव ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की सूची भेजते वक्त विभाग से राय नहीं ली गई। नगर निगम के जलकल विभाग में कर्मचारियों की वैसे भी भारी कमी है। 70 वार्डो के लिए सिर्फ दो जेई हैं, जबकि मानक के अनुसार छह वार्ड में एक अवर अभियंता होने चाहिए।
शहर में कहीं भी पाइप टूटने, लीकेज या ट्यूबवेल खराब होने पर जेई को मौके पर भेजा जाता है। इसी तरह वार्डो में लगे ट्यूबवेल को चलाने की जिम्मेदारी 22 चौकीदार/बेलदार के जिम्मे है। उन्हें सुबह पांच बजे, दोपहर 12 बजे तथा शाम पांच बजे ट्यूबवेल चलाना पड़ता है। इतने कर्मचारी अगर एक साथ अनुपस्थित हुए तो पेयजल आपूर्ति लड़खड़ा सकती है। इस परेशानी को समझते हुए कुछ कर्मचारियों के नाम चुनाव ड्यूटी से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जलकल के महाप्रबंधक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि ट्यूबवेल चलाने और पानी का टैंकर पहुंचाने वाले कर्मचारी की ड्यूटी चुनाव में लगा दी गई है। नाम कटवाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है।