रामायण सर्किट से जुड़ा डुमरियागंज

राज्य सरकार ने गुरुवार को रामायण सर्किट का विस्तार सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज तहसील तक करने को मंजूरी दी है। सर्किट यहां के ऐतिहासिक गालापुर धाम तक पहुंचेगा। शक्तिपीठ के सर्किट में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विधायक डुमरियागंज राघवेन्द्र सिंह ने समर्थकों के साथ पटाखा जलाकर खुशियां मनाई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 11:10 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 11:10 PM (IST)
रामायण सर्किट से जुड़ा डुमरियागंज
रामायण सर्किट से जुड़ा डुमरियागंज

सिद्धार्थनगर : राज्य सरकार ने गुरुवार को रामायण सर्किट का विस्तार सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज तहसील तक करने को मंजूरी दी है। सर्किट यहां के ऐतिहासिक गालापुर धाम तक पहुंचेगा। शक्तिपीठ के सर्किट में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद विधायक डुमरियागंज राघवेन्द्र सिंह ने समर्थकों के साथ पटाखा जलाकर खुशियां मनाई।

सरकार ने प्रदेश में रामायण सर्किट का विस्तार किया है। इससे गालापुर के विकास को पंख लगने की उम्मीद है, अब यहां होटल, रेस्तरां रिवर क्रूज और रिसार्ट आदि के निर्माण को गति मिलेगी। पर्यटन नीति 2018 के संशोधन के बाद यह संभव हो सका है। यह योजना राज्य और केंद्र का साझा प्रयास है जिसके लिए 223.94 करोड़ रुपये का बजट पास हो चुका है। योजना विस्तार से स्थानीय कारीगरों और स्थानीय कला को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, साथ ही पर्यटन को भी विशेष बढ़ावा मिलेगा। सरकार की घोषणा के बाद डुमरियागंज में जश्न का माहौल देखने को मिला। कस्बे के अलावा गालापुर धाम में भी पटाखा जलाकर और मिठाई बांटकर लोगों ने खुशियां मनाई।

डुमरियागंज विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि महाकाली मंदिर का विकास हमारे शीर्ष प्राथमिकता में है। इस मंदिर को प्रदेश ही नहीं विश्व पटल पर स्थापित करने का प्रयास कर रहा हूं। मुख्यमंत्री को इसे रामायण सर्किट का हिस्सा बनाने के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद। अब इस क्षेत्र में और तेजी से विकास कार्य होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। दिसंबर में सिविवि कराएगा शोध पात्रता परीक्षा सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय व संबद्ध कालेज के स्नातक शिक्षक को भी शोध कराने के लिए विद्यार्थी जल्द ही उपलब्ध कराए जाएंगे। कुलसचिव राकेश कुमार ने बताया कि सिविवि व संबद्ध कालेज के स्नातक स्तर के शिक्षकों को शोध कराने का निर्णय पहले लिया था। दिसंबर में शोध पात्रता परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर विभिन्न विषयों में हिदी, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, प्राचीन इतिहास, समाजशास्त्र, भूगोल, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, शिक्षाशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, प्राणी विज्ञान, रसायन शास्त्र, भौतिक विज्ञान, गणित, वाणिज्य प्रबंधन विधि, रक्षा अध्ययन, मध्यकालीन इतिहास, उर्दू, लोक प्रशासन विषयों में शोध पात्रता परीक्षा आयोजित कराई जाएगी। सफल विद्यार्थियों को उक्त विषयों के संबंधित शिक्षकों को शोधार्थी के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा। शोध पात्रता परीक्षा के समन्वयक प्रो. सुशील तिवारी ने बताया कि शोध परीक्षा आयोजित होने से योग्य विद्यार्थियों को शोध करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विश्वविद्यालय व संबद्ध कालेज के शिक्षकों के शैक्षिक उन्नयन में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। यह जानकारी सूचना जनसंपर्क अधिकारी डा. अविनाश प्रताप सिंह ने दी है।

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