कुशीनगर में इस तैयारी से तो हो चुकी कोरोना से जंग
कुशीनगर में कोरोना की तीसरी लहर से जंग के लिए के लिए जो तैयारी चल रही है वह सीएचसी देवतहां में नजर नहीं आ रही है यहां बचों के लिए नहीं है वार्ड का इंतजाम अन्य तरह के मरीजों के लिए भी नहीं हैं जरूरी सुविधाएं यदि कोरोना का संक्रमण हुआ तो बचाव मुश्किल हो जाएगा।
कुशीनगर: कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार ने पूरी तैयारी रखने का निर्देश दिया है, लेकिन सुकरौली विकास खंड के देवतहां सीएचसी पर इलाज का मुकम्मल इंतजाम नहीं है। मरीजों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं।
सीएचसी होने के बावजूद अस्पताल में इमरजेंसी सेवा नहीं चल रही है। गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों को गोरखपुर रेफर कर दिया जाता है। बच्चों के लिए अलग से वार्ड नहीं है। इंसेफेलाइटिस वार्ड ही अस्पताल में बन सका है। आक्सीजन प्लांट की व्यवस्था नहीं है। अस्पताल पर दस बड़े व 5 छोटे आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अस्पताल पर कोई तैयारी नहीं दिख रही है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. हेमंत वर्मा ने बताया कि विभाग द्वारा उपलब्ध संसाधनों से मरीजों का इलाज हो रहा है। इमरजेंसी सेवा सुकरौली पीएचसी पर चलाई जाती है। आक्सीजन प्लांट को लेकर यहां कोई प्रस्ताव नहीं है। सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने बताया कि सभी सीएचसी पर सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं ताकि तीसरी लहर के दौरान कहीं कोई परेशानी न खड़ी हो। देवतहां सीएचसी पर जो जरूरी सुविधाएं नहीं हैं, मुहैया कराई जाएंगी।
फाजिलनगर के 11 गांवों में बनेंगे नए स्वास्थ्य उपकेंद्र
फाजिलनगर ब्लाक के 11 गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित किए जाने की शासन से मंजूरी मिल गई है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फाजिलनगर के अधीक्षक डा. एएन ठाकुर ने नए स्वास्थ्य उपकेंद्रों के लिए भूमि का सत्यापन कर गुरुवार को शासन को रिपोर्ट भेजी है। उपकेंद्र के खुलने से लगभग एक लाख लोगों को ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। नोनिया पट्टी, कटया मैनुद्दीन, नदवा विशुनपुर, लवकुश पश्चिम पट्टी, रूदवलिया, पचरूखिया, परसौनी, बेलवां आलम दास, उस्मानपुर, सपहां, चैनपुर में प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र बनना है। शासन से इसकी रिपोर्ट मांगी गई थी। स्वास्थ्य केंद्र के अभाव में इन गांवों के लोगों को प्रसव व इलाज के लिए 10 से 15 किमी. दूर फाजिलनगर सीएचसी आना पड़ता था। अधीक्षक ने बताया कि शासन से मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इन केंद्रों पर एक चिकित्सक, एक एएनएम तथा अतिरिक्त एएनएम की तैनाती की जाएगी। निर्देश के मुताबिक गांवों का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।