अभियंताओं के आंदालन के चलते 18 से और बढ़ जाएगी बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किल

अभियंता संघ 18 अक्टूबर से वर्क टू रूल शुरू करेगा। शाम पांच बजे से सुबह 10 बजे तक वह भी अपना मोबाइल बंद रखेंगे। यदि शाम से लेकर सुबह तक बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान आया तो इसे ठीक कर पाना मुश्किल होगा।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 02:50 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 02:50 PM (IST)
अभियंताओं के आंदालन के चलते 18 से और बढ़ जाएगी बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किल
अभियंताओं के आंदालन के चलते 18 से और बढ़ जाएगी बिजली उपभोक्ताओं की मुश्किल। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अवर अभियंता और प्रोन्नत एसडीओ के आंदोलन से मुश्किल झेल रहे बिजली निगम के उपभोक्ताओं की दिक्कतें 18 अक्टूबर से और बढ़ जाएंगी। अभियंता संघ 18 अक्टूबर से वर्क टू रूल शुरू करेगा। यानी सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक ही एसडीओ, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता काम करेंगे। इसके बाद शाम पांच बजे से सुबह 10 बजे तक वह भी अपना मोबाइल बंद रखेंगे। यदि शाम से लेकर सुबह तक बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान आया तो इसे ठीक कर पाना मुश्किल होगा। अभियंताओं ने 26 अक्टूबर से पूर्ण कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दी है।

विभिन्‍न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है राज्‍य विद्युत परिषद अभियंता संघ

मांगों को लेकर राज्य विद्युत परिषद अवर अभियंता संघ पहले से ही आंदोलन कर रहा है। अवर अभियंता और प्रोन्नत एसडीओ एक हफ्ते से अपना सीयूजी मोबाइल नंबर बंद रखे हुए हैं। साथ ही ऑनलाइन कोई भी काम नहीं कर रहे हैं। इससे पहले अवर अभियंता और प्रोन्नत एसडीओ वर्क टू रूल पर रह चुके हैं। अब वह सुबह 10 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक कार्यालयों में बैठ रहे हैं। तीन बजे से पांच बजे तक मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।

रुस्तमपुर में हुआ था हंगामा

बिजली निगम के अफसरों के आंदोलन के कारण बिजली व्यवस्था पर प्रभाव पड़ने लगा है। रुस्तमपुर में मंगलवार को 400 केवीए का ट्रांसफार्मर समय से नहीं बदला जा सका। इससे नाराज उपभोक्ताओं ने न सिर्फ रुस्तमपुर और रानीबाग उपकेंद्रों को बंद करा दिया वरन गोरखपुर-लखनऊ राजमार्ग पर जाम भी लगा दिया।

22 घंटे बाद बदला था ट्रांसफार्मर

अधिशासी अभियंता और अधीक्षण अभियंता ट्रांसफार्मर की व्यवस्था में जुटे तो क्रेन सर्विस से जुड़े लोगों और ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिए। कार्यशाला में ट्रांसफार्मरों की पर्याप्त उपलब्धता के बाद भी अफसर शहर में तकरीबन 22 घंटे बाद अच्छा ट्रांसफार्मर लगा सके। इससे पहले उपभोक्ताओं के सहयोग से नार्मल उपकेंद्र से ट्रांसफार्मर पहुंचाया गया लेकिन वह 15 मिनट ही चल सका।

निगम प्रबंधन पर लगा रहे मनमानी का आरोप

बिजली निगम के अभियंताओं का कहना है कि प्रबंधन कई मुद्दों पर सहमत होने के बाद भी मांगे नहीं मान रहा है। इससे दिक्कत बढ़ रही है। पिछले साल हुई वार्ता में प्रबंधन ने लिखित समझौते के बाद भी आदेश नहीं जारी किया। इससे टकराव बढ़ता जा रहा है। बिजली निगम प्रबंधन उपकेंद्रों और बिजली व्यवस्था पर भी धन खर्च नहीं कर रहा है। लगातार गड़बड़ियां होने पर उपभोक्ताओं का आक्रोश अफसरों और कर्मचारियों को झेलना पड़ रहा है।

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