खतौनी सत्यापन न होने से गेहूं खरीद पर संकट

इस बार सरकारी गेहूं खरीदारी का हाल बदहाल है। खरीद को नामित एजेंसियों का लक्ष्य नहीं निर्धारित था इसलिए खरीदारी भी जैसे-तैसे चल रही है। अधिकतर किसान खतौनी सत्यापन न होने से बिक्री नहीं कर सके जबकि अब महज 29 दिन का समय ही शेष है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:00 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:00 PM (IST)
खतौनी सत्यापन न होने से गेहूं खरीद पर संकट
खतौनी सत्यापन न होने से गेहूं खरीद पर संकट

सिद्धार्थनगर : इस बार सरकारी गेहूं खरीदारी का हाल बदहाल है। खरीद को नामित एजेंसियों का लक्ष्य नहीं निर्धारित था, इसलिए खरीदारी भी जैसे-तैसे चल रही है। अधिकतर किसान खतौनी सत्यापन न होने से बिक्री नहीं कर सके, जबकि अब महज 29 दिन का समय ही शेष है। सरकारी खरीद में अव्यवस्था के चलते बिचौलियों ने मलाई काटी है। अप्रैल से सरकारी खरीद जरूर प्रारंभ हुई, लेकिन चुनाव, कोरोना संक्रमण का असर इसपर देखने को मिला। किसान नामित केंद्रों तक उपज ले जाने से परहेज करते रहे। वहीं अढ़ातिए गांव-गांव घूमकर खरीदारी करते रहे। घर बैठे बिक्री की सुविधा मिलने पर अधिकतर किसानों ने प्राइवेट हाथों में गेहूं की बिक्री कर अपना गला छुड़ाया।

भाकियू अंबावता गुट के बस्ती मंडल अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद मिश्रा ने तहसील प्रशासन पर गेहूं बिक्री के लिए सत्यापन में देरी का आरोप लगाया। कहा कि डेढ़ माह पहले सरकारी बिक्री के लिए आनलाइन पंजीकरण कराया। लेखपाल गंगोत्री पांडेय ने रिपोर्ट भी लगा दिया, लेकिन तहसील प्रशासन ने सत्यापन नहीं किया। मजबूरन प्राइवेट बिक्री करनी पड़ी। ऐसे तमाम लोग सत्यापन के कारण सरकारी बिक्री नहीं कर सके। साधन सहकारी समिति चकचई में अबतक सिर्फ 2600 क्विंटल गेहूं खरीदा जा सका। सचिव ने कहा कि प्रयास जारी है, लेकिन परिणाम सकारात्मक नहीं मिल रहे। बढ़नीचाफा साधन सहकारी समिति पर 2489 क्विंटल गेहूं ही अबतक खरीदा जा सका है। सचिव उमानाथ गुप्ता ने कहा कि इस बार मौसम की बेरुखी के चलते पैदावार कम हुई। ऐसे में किसान बिक्री नहीं कर रहे हैं। कोरोना क‌र्फ्यू के चलते शादी विवाह भी टल गया तो किसान भी गेहूं स्टोर किए बैठे हैं कि जब जरूरत आन पड़ेगी मतलब जब शादी विवाह का मौका आएगा, उस वक्त बिक्री करेंगे। ऐसी स्थिति वासाचक सहित अन्य क्रय केंद्रों पर खरीद की है।

एसडीएम त्रिभुवन ने कहा सभी सचिवों के साथ बैठक कर शीघ्र समस्याओं को दूर किया जाएगा, जिससे बाकी समय में सभी की खरीदारी पूरी हो सके। सत्यापन कार्य में लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

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