चिड़ियाघर में बत्तख को मिलेगा उसका बच्चा, चिकित्सक रखेंगे नजर

चिड़ियाघर के विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक तरीकों से बत्तख के अंडे से बच्चे का जन्म कराया और शुरुआती 15 दिनों तक बच्चे की परवरिश करने के बाद अब उनका प्रयास है कि बच्चे का उसकी मां से मिलन हो जाए।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 04:41 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 04:41 PM (IST)
चिड़ियाघर में बत्तख को मिलेगा उसका बच्चा, चिकित्सक रखेंगे नजर
चिड़ियाघर अस्पताल में पाला जा रहा बत्तख का बच्चा। जागरण

गोरखपुर, जितेंद्र पांडेय : चिड़ियाघर में एक मां की उम्मीदों को कोई दुर्भाग्य खा जा रहा था। बाड़े में कोई

उसके अंडे फोड़ दे रहा था। मां की परवरिश पर ध्यान देने वाले खिदमतगारों की नजर जब इस पर गई तो उन्होंने इस दिक्कत को दूर करने के लिए कोशिशें शुरू कीं। उन्होंने एक प्रयोग शुरू किया और बाड़े में सुरक्षित रह गए आखिरी अंडे को उसकी मां से दूर कर दिया। मां को अंडे से बच्चे को बाहर निकालने वाली प्रक्रिया से वंचित कर दिया, लेकिन यह क्रूरता नहीं थी। बल्कि फिक्र थी कि बच्चे का सुरक्षित जन्म हो सके। चिड़ियाघर के विशेषज्ञों ने वैज्ञानिक तरीकों से अंडे से बच्चे का जन्म कराया भी और शुरुआती 15 दिनों तक बच्चे की परवरिश करने के बाद अब उनका प्रयास है कि बच्चे का उसकी मां से मिलन हो जाए। वह उस बच्चे को उसकी मां के बाड़े में छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

मस्कवी बत्तख का है बच्चा

यह बच्चा चिड़ियाघर के एक मस्कवी बत्तख का है। अमेरिकी मूल की यह बत्तख अन्य की तुलना में थोड़ी लंबी व सुंदर होती है। चिड़ियाघर के एक बाड़े में इन्हें रखा गया है। करीब दो माह से चिड़ियाघर में कोई मस्कवी बत्तख अंडा देती तो उनके बीच का कोई बत्तख उसे फोड़ दे रहा था। किसी तरह से बाड़े में दो अंडों से बत्तख के बच्चे बाहर निकले, लेकिन अन्य अंडे खराब हो गये थे। माह भर पूर्व एक बत्तख ने तीन अंडे दिये। चिड़ियाघर प्रशासन अंडों पर नजर रख रहा था कि कौन अंडों को फोड़ रहा है, ताकि उसे बाड़े से बाहर निकाला जा सके। उसमें से एक अंडा दूसरे ही दिन फूट गया। दूसरा अंडा भी 15वें दिन किसी ने तोड़ दिया। ऐसे में चिड़ियाघर के चिकित्सक आखिरी अंडे को अपने अस्पताल में उठा लाए। वहां उन्होंने इन्क्यूबेटर में अंडे को उचित तापमान में रखा। अंडा अस्पताल लाने के करीब 20 दिन बाद अंडे से बच्चा बाहर निकला। पशु चिकित्सक व उनकी टीम 15 दिनों से बच्चे की परवरिश कर रहे हैं। अब उनकी कोशिश है कि वह बच्चे को उसकी मां से मिला दें, ताकि वह उसे अपना सके। चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि उनका यह प्रयोग यदि सफल रहा तो वह तमाम दुर्लभ पक्षियों के बच्चों का जन्म इस पद्धति से कराकर उनका कुनबा बढ़ा सकते हैं।

पूरी तरह सुरक्षित है मस्कवी बत्तख का बच्चा

चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डा.योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि मस्कवी बत्तख का बच्चा पूरी तरह सुरक्षित है। उसे पालने के लिए बाहर से एक चूजा भी मंगाया गया था ताकि वह उसे देखकर अपना कर सके। बत्तख के बच्चे को उसके बाड़े में छोड़ा जाएगा। साथ ही इस पर भी नजर रखी जाएगी कि कोई बत्तख को नुकसान न पहुंचाए।

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