Coronavirus: गोरखपुर का दवा कारोबार, जरूरतों के हिसाब से महंगे होते गए उपकरण Gorakhpur News
पहले 100 की संख्या में बिकने वाला थर्मल स्कैनर अब 10 की संख्या में बिक रहा है। पांच-छह की संख्या में बिकने वाले पल्स ऑक्सीमीटर की बिक्री प्रतिदिन सौ की संख्या में पहुंच चुकी है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोराना का दौर जब शुरू हुआ और बाहर से प्रवासी आने लगे, तब यह माना जा रहा था कि जिसे बुखार है, उसे कोरोना हो सकता है। इसलिए थर्मल स्कैनर की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई। स्थिति यह थी कि एक हजार रुपये में मिलने वाला यह उपकरण आठ हजार रुपये तक में बिका। बाद में पता चला कि जिसे बुखार नहीं है, उसे भी कोरोना हो गया और उसका ऑक्सीजन लेवल घटता जा रहा है। यह बात वायरल होते ही थर्मल स्कैनर बहुत पीछे छूट गया है, उसकी जगह पल्स ऑक्सीमीटर ने ले ली है। भालोटिया से प्रतिदिन लगभग 100 की संख्या में बिकने वाला थर्मल स्कैनर अब 10 की संख्या में बिक रहा है। पहले माह पांच-छह की संख्या में बिकने वाले पल्स ऑक्सीमीटर की बिक्री प्रतिदिन सौ की संख्या में पहुंच चुकी है।
ऐसे बढ़कर घटा थर्म स्कैनर का दाम
कोराना से पहले थर्मल स्कैनर की कीमत लगभग एक हजार रुपये थी। जब मांग बढ़ी और आपूर्ति रुक जाने से इसकी कीमत आठ हजार रुपये तक पहुंच गई। आज लगभग 1500 रुपये में बिक रहा है। पल्स ऑक्सीमीटर पहले भी 1200-1500 में बिकता था, आज भी उसका वही रेट है। लेकिन पहले एक एक माह में पांच-छह की बिक्री होती थी। आज रोज लगभग 100 की संख्या में बिक रहा है। पहले यह केवल डॉक्टर मंगाते थे या अस्पतालों में जाता था। अब आम आदमी इसे खरीदने लगे हैं।
स्टीम इनहेलर की मांग बढ़ी
कोरोना फेफड़े को जकड़ रहा है। डॉक्टर कोरोना से बचने के लिए गर्म पानी पीने व भाप लेने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे में स्टीम इनहेलर की मांग बढ़ गई है। पहले रोज लगभग 20 पीस बिकने वाला यह उपकरण अब 100 पीस से ज्यादा बिक रहा है। इसकी कीमत लगभग ढाई सौ रुपये है। कोरोना के पहली भी यही कीमत थी। सर्जिकल सामान के थोक व्यापारी रोहित त्रेहन का कहना है कि पल्स ऑक्सीमीटर की मांग एक माह से ज्यादा बढ़ गई है। होम आइसोलेट मरीज तो मंगा ही रहे हैं, सामान्य लोग भी एहतियात के तौर पर इसे घर रखना चाहते हैं। आपूर्ति पर्याप्त है, इसलिए दाम में कोई बढोत्तरी नहीं हुई है। इसी तरह से सर्जिकल सामान के थोक व्यापारी राजर्षि बंसल भी कहते हैं कि थर्मल स्कैनर की मांग दो माह पहले तक बहुत ज्यादा थी। इसलिए इसे पर्याप्त मात्रा में मंगा लिया गया था। अब मांग बहुत कम हो गई है। माल फंस गया है। उसकी जगह लोग डिजिटल थर्मामीटर खरीदने लगे हैं।