'नशे की रफ्तार पर ब्रेक लगाने वाला कोई नहीं Gorakhpur News
हुक्का बार से युवा पीढ़ी नशे की लत के कारण बर्बाद हो रही है लेकिन अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पाबंदी के बीच चल रहे हुक्का बार से कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। समय रहते अधिकारियों ने अगर नकेल नहीं कसी तो कभी भी स्थिति बिगड़ सकती है। शहर में रेस्टोरेंट की आड़ में करीब 39 हुक्काबार चलते हैं। पाबंदी के बाद भी संचालक चुपके से हुक्काबार चला रहे हैं, जहां शाम को युवाओं की खूब भीड़ हो रही है।
शहर के गोलघर, बैंक रोड, गांधी गली, मोहद्दीपुर, असुरन, मेडिकल कॉलेज रोड, देवरिया बाईपास, जेल बाईपास, रुस्तमपुर, गोरखनाथ रोड सहित 39 स्थानों पर अत्याधुनिक साज-सज्जायुक्त हुक्का बार खुले हैं। रविवार को संगम चौराहे पर हुक्काबार में पार्टी के दौरान मारपीट होने पर शाहपुर पुलिस को इसकी खबर लगी।
कार्रवाई से बचते हैं अधिकारी
हुक्का बार से युवा पीढ़ी नशे की लत के कारण बर्बाद हो रही है, लेकिन अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का कहना है कि हुक्का न तो खाद्य और न पेय पदार्थ है, इसलिए विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। वहीं आबकारी विभाग का कहना है कि हुक्का आबकारी एक्ट के तहत नहीं आता है, इसलिए आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है। पुलिस अधिकारी कहते हैं कि आइपीसी, सीआरपीसी और पुलिस मैनुअल में उनके खिलाफ हुक्का बार संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। मजे की बात तो यह है कि यह हुक्का बार बिना किसी लाइसेंस या अनुमति के चल रहे हैं।
एसएसपी के निर्देश पर चला था अभियान
एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता के निर्देश पर चार जून को शहर के सभी थानेदारों ने हुक्काबार चेक किया था। गोरखनाथ और शाहपुर पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन और महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। एसएसपी डॉ. सुनील गुप्ता का कहना है कि शहर में चलने वाले हुक्काबार की जांच कराई जा रही है। हुक्काबार खुलने पर संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी। हुक्काबार किसकी अनुमति से चल रहे हैं, लाइसेंस का क्या मानक है, इसकी जांच कराने के लिए डीएम को पत्र लिखा जाएगा।