कुशीनगर में ड्रोन कैमरों से रखी जाएगी शराब तस्करों पर नजर
कुशीनगर के रास्ते बिहार को भेजी जाने वाली हरियाणा निर्मित व स्थानीय शराब की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस ने बिहार के निकट वाले इलाकों में निगरानी की नई व्यवस्था की पहल की है ड्रोन कैमरों की मदद से तीन से पांच किलोमीटर की गतिविधियों रखी जाएगी नजर।
कुशीनगर : शराब तस्करों की अब खैर नहीं होगी। इन पर नजर रखने के लिए बिहार बार्डर से लगने वाले थानों को ड्रोन कैमरे से लैस किया जाएगा। दूर-दराज के इलाकों में इसकी मदद से शराब के निर्माण और बिक्री पर भी नजर रखी जा सकेगी। कुशीनगर पुलिस ने इसे लेकर प्रयास शुरू कर दिया है। जल्द ही यह व्यवस्था अमल में होगी और शराब तस्कर सलाखों के पीछे।
अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। इसके बाद से ही बिहार में शराब तस्करी का धंधा चोरी-छिपे होता है। जिले की पुलिस आबकारी विभाग के साथ मिलकर शराब के अवैध धंधे के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद पुलिस को बिहार से लगने वाले खड्डा, हनुमानगंज, तरयासुजान, पटहेरवा, सेवरही इलाकों में नजर रखने में दिक्कत होती है। जब तक पुलिस पहुंचती है शराब तस्कर भाग जाते हैं। यही वजह है कि पुलिस ड्रोन कैमरे से इस पर अंकुश लगाने की कवायद में जुटी है। इसे लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। बार्डर के क्षेत्रों में शराब का निर्माण और बिक्री पर नजर रखने में भी ड्रोन कैमरा काफी कारगर होगा।
एक घंटे की होगी उड़ान क्षमता
बार्डर इलाकों में जिन ड्रोन कैमरों से पुलिस शराब तस्करों पर नजर रखेगी उसके लिए मानक तय किए गए हैं। इसके तहत ड्रोन की उड़ान क्षमता करीब एक घंटे की होगी। वहीं इसकी रेंज लगभग तीन से पांच किलोमीटर की होगी। यानी ड्रोन जब उड़ाया जाएगा तो यह उड़ान की जगह से 5 किलोमीटर दूर तक जा सकेगा और कम से कम एक घंटे तक आसमान में रहेगा। ड्रोन उच्च गुणवत्ता वाले कैमरों से लैस रहेगा, जिसकी मदद से जमीन पर होने वाली गतिविधियों को आसानी से देखा जा सकेगा। इसके अलावा लोकेशन के लिए ग्लोबल पोजिशनिग सिस्टम (जीपीएस) की भी सुविधा होगी।
पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने कहा कि शराब तस्करी पर प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस प्रतिबद्ध है। इस दिशा में निरंतर कदम उठाए जा रहे हैं। बिहार से लगने वाले इलाकों में विशेष सजगता बरती जा रही है। अब ड्रोन कैमरे की मदद ली जाएगी, इसे लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।