Pollution in Gorakhpur: बूंदाबादी ने बदल दी शहर की आबोहवा, महज 24 घंटे में आधा हो गया प्रदूषण

Pollution in Gorakhpur प्रदूषण के स्तर में यह गिरावट शनिवार को हुई बूंदाबादी की वजह से आई है। बूंदाबादी ने वातावरण में व्याप्त धूल के कणों को काफी जमीन पर गिरा दिया। इसके चलते शहर के एक्यूआइ का स्तर बीते दिन के मुकाबले आधा हो गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:02 AM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 04:50 PM (IST)
Pollution in Gorakhpur: बूंदाबादी ने बदल दी शहर की आबोहवा, महज 24 घंटे में आधा हो गया प्रदूषण
Pollution in Gorakhpur: बूंदाबांदी के कारण गोरखपुर में वायु प्रदूषण आधा हो गया। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Pollution in Gorakhpur: रविवार का दिन पर्यावरण की दृष्टि से शहर के लोगों को सुकून देने वाला रहा। दीपावली के बाद से खतरनाक स्तर तक पहुंच गया शहर के एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) का आंकड़ा पहली बार काबू में नजर आया। शनिवार को एक्यूआइ 311 रिकार्ड किया गया था, जो रविवार को गिरकर 168 तक आ गया।

धूल के कणों के जमीन पर ग‍िरने से म‍िली राहत

मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के मुताबिक प्रदूषण के स्तर में यह गिरावट शनिवार को हुई बूंदाबादी की वजह से आई है। बूंदाबादी ने वातावरण में व्याप्त धूल के कणों को काफी हद तक जमीन पर गिरा दिया। इसके चलते महज 24 घंटे में शहर के एक्यूआइ का स्तर बीते दिन के मुकाबले आधा हो गया। मौसम विज्ञानी ने बताया कि अगर बूंदाबादी हल्की बारिश में बदल गई होती तो एक्यूआइ और भी नीचे जा जाता।

तीन से अधिक पहुंच गया था एयर क्वालिटी इंडेक्स

नवंबर के पहले सप्ताह से बढ़ा प्रदूषण का स्तर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ-साथ जिला प्रशासन के लिए भी समस्या का सबब बन गया था। नवंबर के शुरुआती 20 दिन में नौ दिन ऐसे रहे जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक रिकार्ड किया गया। दो दिन तो यह 400 के करीब पहुंच गया था। छह नवंबर को 386 तो नौ नंबर को यह 393 रिकार्ड हुआ। इसके अलावा नवंबर के पहले 20 दिन में से कोई भी दिन ऐसा नहीं रहा, जब एक्यूआइ 250 से नीचे आया हो।

दीपावली के बाद से लगातार बढ़ रहा था प्रदूषण

दरअसल दीपावली के दौरान प्रदूषण के बिगड़े हालात तबतक संभल नहीं सके, जबतक बूंदाबादी ने उन्हें धराशायी नहीं कर दिया। मौसम विज्ञानी के मुताबिक अब कुछ दिनों तक प्रदूषण की स्थिति नियंत्रण में रहेगी लेकिन इसे बिगड़ने न देने के लिए एहतिहात बरतते रहना होगा। वाहनों के संचालन पर नियंत्रण करना होगा। साथ ही शहर में हो रहे निर्माण कार्य वाले स्थानों पर धूल को उड़ने से रोकने होगा। इसके लिए उन स्थानों पर समय-समय पर पानी का छिड़काव करना होगा। खेती में पराली जलाई गई तो प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ सकता है।

पानी का छिड़काव हुआ तो कम होने लगा प्रदूषण

शहर में वायु प्रदूषण रोकने में जुटे नगर निगम प्रशासन को सफलता मिलनी शुरू हो गई है। प्रदूषण कम होने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं। शहर के घने इलाकों के साथ ही तारामंडल और गोरखनाथ क्षेत्र में नगर निगम का पानी छिड़काव अभियान लगातार जारी है। नगर निगम ने रेलवे बस स्टेशन, गोलघर, यूनिवर्सिटी रोड और तारामंडल क्षेत्र में अभियान चलाकर पेड़, दीवार, सड़क पर पानी का छिड़काव किया। रविवार को सार्वजनिक स्थानों पर डिवाइडरों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया गया। रेलवे स्टेशन रोड, कौआबाग, यूनिवर्सिटी रोड, गोलघर समेत अन्य इलाकों में छिड़काव अभियान चलाया गया। इससे पहले गोलघर से गोरखनाथ मंदिर तक अभियान चलाया जा चुका है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि वाहनों और निर्माण कार्यों के कारण वायु प्रदूषण में इजाफा होता है। इसे खत्म करने के लिए पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। टैंकरों में पानी भरकर छिड़काव से वायु प्रदूषण में तेजी से कमी आयी है। लोग शुद्ध हवा में सांस ले रहे हैं।

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