बस्ती की बहू हैं डा. अन्नपूर्णा, यही हैं पीएम मोदी की प्रस्तावक

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावक डा. अन्नपूर्णा शुक्ला मूलत बस्ती जिले की रहने वाली हैं। वह अक्सर आती रहती हैं।

By Edited By: Publish:Sat, 27 Apr 2019 05:01 AM (IST) Updated:Sun, 28 Apr 2019 03:00 PM (IST)
बस्ती की बहू हैं डा. अन्नपूर्णा, यही हैं पीएम मोदी की प्रस्तावक
बस्ती की बहू हैं डा. अन्नपूर्णा, यही हैं पीएम मोदी की प्रस्तावक
गोरखपुर, एसके सिंह। वाराणसी से चुनाव लड़ने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावक बनने के बाद सुर्खियों में आई डा.अन्नपूर्णा शुक्ला मूलत: बस्ती जनपद के सोनहा थानाक्षेत्र के एकडंगवा गांव की रहने वाली है। नामांकन से पहले मोदी के अपनी मां हीरोबेन की तरह वयोवृद्ध अन्नपूर्णा का पैर छूकर आर्शीवाद लेने की तस्वीरे टीवी से लेकर सोशल मीडिया में वायरल हुई तो पूरा गांव खुशियों से झूम उठा। पूर्वांचल की आवोहवा में रची बसी अन्नपूर्णा मदन मोहन मालवीय की मानस पुत्री के रूप में वाराणसी की गलियों तक में विख्यात हैं। इनके पति बेनी माधव शुक्ल गोरखपुर विश्वविद्यालय में वर्ष 1980-83 तक कुलपति रह चुके हैं।
इनके जेठ स्व.प्रो.गंगा शरण शुक्ल गोरखपुर विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के संस्थापक विभागाध्यक्ष रह चुके हैं। देवर स्व.शिवशरन शुक्ल बस्ती में वकालत करते थे। अन्नपूर्णणा के चार बेटे हैं। जबकि जेठ के एक पुत्र डा.निखिल हैं जो वर्तमान में गोरखपुर विश्विविद्यालय के रसायन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर है। देवर के दो पुत्र हैं,जो बाहर नौकरी करते हैं। डा.निखिल और गांव में पड़ोसियों ने बताया कि प्रो. बेनी माधव शुक्ल बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से रिटायर होने के बाद पत्नी संग वाराणसी में ही रह रहे हैं।
इनकी पत्नी डा.अन्नपूर्णा शुक्ला बीएचयू में महिला कालेज की प्राचार्य थी, जो अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। संयुक्त परिवार है, गांव में इनका मकान और खेतीबारी होती हैं। होली, दीपावली के अलावा अन्य बड़े कार्यक्रमों में ही पूरा परिवार एक साथ हो पाता है। गांव के मकान में वर्तमान में परिवार के ही राम गोपाल शुक्ल और इनके पिता परमेश्वरी शुक्ल रहते हैं।
बेनीमाधव के कुलपति बनने पर चर्चा में आया था गांव गांव के परमेश्वरी प्रसाद शुक्ल, राम प्रसाद शुक्ल, मनोज कुमार शुक्ल और संतोष कुमार ने बताया दोपहर बाद गांव की बहू अन्नपूर्णा शुक्ला का नामांकन से पहले पीएम मोदी के पैर छूकर आर्शीवाद लेने की खबर चर्चा में आई तो पूरा गांव गौरवान्वित हो उठा। इन लोगों का कहना था हमारा गांव वर्ष 1980 में प्रो.बेनी माधव के गोरखपुर विश्विद्यालय के कुलपति बनने के बाद पहली बार चर्चा में आया।
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