बिगड़ी डीपीआरओ की तबीयत, जिला अस्पताल में भर्ती- बहन ने कहा फंसाया गया

अमेठी की जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा की तबीयत जेल पहुंचते ही खराब हो गई। जेल प्रशासन ने उन्हें जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। वहां देखरेख में जुटीं उनकी बड़ी बहन शिविरा चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि श्रेया को फंसाया गया है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 08:30 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:30 PM (IST)
बिगड़ी डीपीआरओ की तबीयत, जिला अस्पताल में भर्ती- बहन ने कहा फंसाया गया
जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती अमेठी की जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : अमेठी की जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) श्रेया मिश्रा की तबीयत जेल पहुंचते ही खराब हो गई। जेल प्रशासन ने उन्हें जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। वहां देखरेख में जुटीं उनकी बड़ी बहन शिविरा चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि श्रेया को फंसाया गया है। श्रेया के साथ मौजूद उनके भाई अभिनव पांडेय ने कहा कि उनकी बहन पर आरोप लगाने वाला व्यक्ति खुद दो बार जेल जा चुका है, लेकिन बिना सत्यता जांचे बगैर कार्रवाई की गई है।

विजिलेंस की टीम ने पकड़ा था 

गुरुवार को उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने डीपीआरओ अमेठी श्रेया मिश्रा को अमेठी के गौरीगंज में सफाई कर्मी से बकाया वेतन भुगतान के नाम पर 30 हजार रुपये का घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। विजिलेंस टीम ने अमेठी के गौरीगंज थाने में डीपीआरओ के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 संशोधित भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा सात के तहत मुकदमा दर्ज कराया। टीम ने डीपीआरओ को गोरखपुर के अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ओमप्रकाश मिश्र के न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में मंडलीय कारागार गोरखपुर भेज दिया गया।

जेल में जाने पर डिप्रेशन और सांस फूलने लगी थी श्रेया की

जेल जाने के बाद श्रेया की तबीयत बिगड़ी। उन्हें डिप्रेशन होने लगा और उनकी सांस भी फूलने लगी तो उन्हें सुबह जिला अस्पताल भर्ती कराया गया। यहां डीपीआरओ की बड़ी बहन व देवरिया में तैनात शिक्षिका शिविरा चतुर्वेदी उनकी देखरेख में जुटी हैं। डीपीआरओ शहर के बेतियाहाता की रहने वाली हैं। उनके बड़ भाई अभिनव भी उनकी देखरेख में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बहन को फंसाया जा रहा है। जो सफाई कर्मी वेतन व अन्य बकायों के लिए आरोप लगा रहा है कि उसके बकाये का दो लाख 64 हजार रुपये बीते 29 मार्च को ही उसे दिया जा चुका है। ऐसे में वह 17 जून को 30 हजार रुपये उनकी बहन को देने क्यों जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। उसके बाद ही असलियत सामने आ सकती है।

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