बेहोशी के डाक्टर देंगे ट्रेनिंग, तब वेंटिलेटर चलाने में निपुण होंगे सभी चिकित्सक Gorakhpur News
पिछले दिनों शासन ने स्वास्थ्य विभाग से सभी एनेस्थेटिस्ट की सूची मांगी थी। स्वास्थ्य विभाग ने आठ एनेस्थेटिस्ट की सूची शासन को भेज दी है। माना जा रहा है कि इन एनेस्थेटिस्ट को दूसरे डाक्टरों को प्रशिक्षित करने के काम में लगाया जाएगा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में वेंटिलेटर होने के बाद भी मरीजों को इसका फायदा नहीं हो पा रहा है। कई अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालित करने के लिए प्रशिक्षित डाक्टर न होने के कारण मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है। अभी एनेस्थेटिस्ट यानी बेहोशी के डाक्टर वेंटिलेटर संचालित करते हैं लेकिन अब इनके संचालन की जानकारी सभी डाक्टरों को देने की योजना बनाई जा रही है। ऐसा हुआ तो अस्पतालों में बनाए गए वेंटिलेटर बेड का पूरी तरह इस्तेमाल हो सकेगा और मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
बेहोशी के डाक्टर अन्य डाक्टरों को करेंगे प्रशिक्षित
पिछले दिनों शासन ने स्वास्थ्य विभाग से सभी एनेस्थेटिस्ट की सूची मांगी थी। इसमें प्राइवेट डाक्टरों को भी शामिल करने के लिए कहा गया था। स्वास्थ्य विभाग ने आठ एनेस्थेटिस्ट की सूची शासन को भेज दी है। माना जा रहा है कि इन एनेस्थेटिस्ट को दूसरे डाक्टरों को प्रशिक्षित करने के काम में लगाया जाएगा।
क्या होता है वेंटिलेटर
वेंटिलेटर आक्सीजन देने की एक मशीन है। इस मशीन का इस्तेमाल उन मरीजों पर किया जाता है जो खुद से सांस नहीं ले पाते हैं। एक पाइप के जरिये सीधे सांस की नली में आक्सीजन भेजी जाती है। यहां से आक्सीजन फेफड़े में जाती है। वेंटिलेटर आक्सीजन पहुंचाने के साथ ही शरीर से कार्बन डाइ आक्साइड को भी बाहर निकालता है। वेंटिलेटर दो तरह के होते हैं। एक मैकेनिकल और दूसरा नानइन्वेसिव। मैकेनिकल वेंटिलेटर पर मरीज के सांस की नली में सीधे पाइप के जरिये आक्सीजन दी जाती है जबकि नानइन्वेसिव में मुंह और नाक पर मास्क लगाकर तेजी से आक्सीजन दी जाती है।
गोरखपुर में वेंटिलेटर व बाइपैप बेड
सरकारी 160 और प्राइवेट 327 है। सीएमओ डाक्टर सुधाकर पांडेय का कहना है कि वेंटिलेटर संचालन के लिए प्रशिक्षित होना जरूरी है। शासन ने सरकारी के साथ ही निजी क्षेत्र में काम करने वाले एनेस्थेटिस्ट की सूची मांगी थी। अभी तय नहीं है कि सूची क्यों मांगी गई है लेकिन सभी डाक्टरों को वेंटिलेटर संचालन का प्रशिक्षण मिल जाए तो मरीजों का काफी फायदा होगा।