यहां नदी की लहरों पर करते हैं मौत का सफर

कुशीनगर में नारायणी नदी के अमवाखास गांव सहित अन्य गांवों के लोगों को खेती के लिए नदी के उस पार जाना पड़ता है नाव से नदी पार करने के क्रम में कई लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं पुल निर्माण के लिए आज तक गंभीर पहल नहीं हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:00 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 04:00 AM (IST)
यहां नदी की लहरों पर करते हैं मौत का सफर
यहां नदी की लहरों पर करते हैं मौत का सफर

कुशीनगर : दुदही विकास खंड के अमवाखास गांव के टोला बरवापट्टी व संपूर्णानंद के किसानों की खेती नारायणी नदी के उस पार है। ग्रामीण अपने खेतों की देखभाल के लिए नारायणी नदी उस पार जाने को मजबूर हैं। नदी की लहरों पर नाव पर सवार होकर उस पार जाना व शाम होते ही नदी पार कर घर लौटना इनकी दिनचर्या में शामिल है। इस कठिन सफर में अब तक दर्जनों किसान नदी में डूबकर अपनी जान गंवा चुके हैं। ग्रामीण कई बार प्रशासन से पुल के निर्माण की गुहार लगा चुके हैं।

इन गांवों के टोलों में लगभग सात हजार की आबादी निवास करती है। 60 फीसद आबादी की आजीविका पशुपालन व मजदूरी है। चारा लाने व खेतों में काम करने के लिए नारायणी नदी को पार करना पड़ता है। बरसात में नदी में पानी अधिक हो जाता है। इस दौरान नाव का सफर कठिन हो जाता है। कब नाव डूब जाए किसी को पता नहीं। प्रतिवर्ष दो-तीन लोग डूब कर मर जाते हैं। 10 जुलाई 2017 को ग्रामीणों ने भाजपा नेता अवधेश राय व रिकू सिंह पटेल के नेतृत्व ने जिला प्रशासन व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप कर पुल निर्माण की मांग की। जब कोई सुनवाई नही हुई तो पुन: 15 मार्च 2018 को एक दिन के लिए धरना प्रदर्शन किया तो जिला प्रशासन ने पुल बनवाने के आश्वासन पर धरना समाप्त कराया। तत्कालीन डीएम आंद्रा वामसी ने यहां पक्का पुल बनवाने की बात कही थी। हर वर्ष के भांति इस वर्ष भी नदी में सरकारी नाव लगा दी गई और पुल बनवाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हरकेश तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, हरेश, मुरली, पूर्व प्रधान स्वामीनाथ कुशवाहा, जितेंद्र सिंह, विनोद पटेल, सुरेश सिंह, विनय राय, मनोज राय, उमेश कुमार, सुनील कुशवाहा ने कहा की पुल नहीं बना तो आरपार की लड़ाई होगी।

इनकी हुई डूबने से मौत

12 जून 2006 को राहुल कुमार बांसगांव, 8 अगस्त 2006 को सुकट महजीदिया टोला, 13 जुलाई 2007 को महादेव जटवलिया, 1 सितंबर 2007 जटवलिया के कासिम, 11 जून 2008 को खैरवां के चन्दन, 28 जुलाई 2008 के मिश्रौली के गोलू, 7 जुलाई 2013 को खैरवां के लालदेव, 25 जुलाई 2014 को कोकिल पट्टी के मोती, 1जून 2019 को तिलका पट्टी के रतन गोंड पुत्र सूरज गोंड तथा अप्रैल 2020 में रामपुर बरहन गांव के निवासी शिवम व शुभम पुत्रगण उपेंद्र राय की डूबने ने मौत हो चुकी है।

चुनाव में याद आता है वादा

यहां के किसान में रिकू सिंह पटेल, जितेंद्र सिंह, प्रमोद यादव, रामाश्रय राय, धन†जय पटेल, विनोद पटेल, नरेश पटेल, रमाकांत कुशवाहा आदि किसानों का कहना है कि जब चुनाव आता है तो नेताओं का एक ही वादा रहता है। नारायणी में पुल बनवाने का, लेकिन चुनाव जीत कर जाने के बाद सभी जनप्रतिनिधि वादा भूल जाते हैं।

पक्का पुल बनवाने के लिए शासन को भेजा गया है पत्र : डीएम

डीएम एस राजलिगम ने कहा कि नारायणी नदी के बरवापट्टी व अमवादीगर घाट पर पक्का पुल निर्माण के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। धन अवमुक्त होते ही पुल निर्माण कार्य प्रारंभ करा दिया जाएगा।

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