दूसरी फसलों के साथ करें नारियल की खेती, होगा दोहरा लाभ

एक तो किसान खेत के मेड़ पर नारियल की खेती और बीच में दूसरी फसल पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा यदि कोई किसान पूरे खेत में नारियल के पौधे लगाता है तो बीच-बीच में फसली खेती के तौर पर हल्दी सूरन आदि पैदा कर सकता है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 08:17 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:17 AM (IST)
दूसरी फसलों के साथ करें नारियल की खेती, होगा दोहरा लाभ
दूसरी फसलों के साथ नारियल का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल की आब-ओ-हवा नारियल की खेती के लिए मुफीद पाई गई है। दूसरी फसलों के साथ यहां के किसान नारियल की खेती कर दोहरा लाभ कमा सकते हैं। नारियल विकास बोर्ड, पठना ने गोरखपुर जिले में इसकी खेती को बढ़ावा देने का बीड़ा उठाया है। कृषि विज्ञान केंद्र, बेलीपार के माध्यम से 40 किसानों को नारियल के पौधों को वितरण करवाकर इसकी खेती के प्रति यहां के किसानों को प्रेरित करने की पहल भी शुरू कर दी है।

यहां पर आयोजित नारियल पौध वितरण एवं कृषि गोष्ठी में मौजूद आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, आयोध्या के प्रो. एपी राव ने कहा भी नारियल की खेती किसानों के लिए वरदान साबित होगी। एक तो किसान खेत के मेड़ पर नारियल की खेती और बीच में दूसरी फसल पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा यदि कोई किसान पूरे खेत में नारियल के पौधे लगाता है तो बीच-बीच में फसली खेती के तौर पर हल्दी, सूरन और लोबिया की खेती कर दोहरा लाभ कमा सकता है।

पूर्वांचल में बढ़ी है हरे नारियल की मांग

पूर्वांचल के सभी जिलों के हाट व कस्बों में हरे नारियल की मांग बढ़ी है। प्रो. इसकी वजह स्वास्थ के लिहाज से नारियल का गुणकारी प्रभाव मानते हैं। वह कहते हैं कि नारियल के पानी कुदरती तौर पर आइसोटोनिक पेय है। इसका इलेक्ट्रोलाइट संतुलन हमारे रक्त के बराबर स्तर का होता है। जो हमारे पाचन एंव उत्सर्जन तंत्र को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा नारियल की गरी बेहद पौष्टिक आहार मानी जाती है। साथ ही इसका तेल और रेशे का घरेलू उपयोग के साथ ही बड़े पैमाने पर औद्यौगिक इस्तेमाल होता है।

10614 नारियल प्रति हेक्टेयर है उत्पादकता

देश के तीन केंद्र शासित राज्यों सहित 21 राज्यों में नारियल की खेती हो रही है। एक हेक्टेयर फसल में कम से कम 10614 नारियल उत्पादकता होती है। विभिन्न राज्यों में गठित नारियल विकास बोर्ड तथा सरकारी व गैर सरकारी संगठन नारियल के उन्नत किस्म के पौधे किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं। इसकी एक फसल खेती कर किसान 30 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और इसके साथ फसली खेती कर प्रति हेक्टेयर डेढ़ लाख रुपये कमा सकते हैं। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आयोध्या के प्रो. एपी राव का कहना है कि नारियल की खेती, किसानों की समृद्धि बनाने मे मददगार साबित होगी। इसके साथ फसली खेती कर किसान दोहरा लाभ कमा सकते हैं। पूर्वांचल की मिट्टी में नारियल की खेती काफी लाभकारी साबित होगी।

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