Corona Warrior: 90 फीसद फेफड़ा संक्रमित होने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, एक माह में ठीक हुआ फेफड़ा

गोरखपुर के 42 वर्षीय सुजीत पाठक कोरोना से संक्रम‍ित होने के बाद ढाई माह तक बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में भर्ती रहना पड़ा। लेकिन न तो उन्होंने हिम्मत हारी और न ही डाक्टरों ने। 90 फीसद फेफड़ा संक्रमित होने के बाद भी डाक्टरों ने उनकी जान बचा ली।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 12:17 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 12:17 PM (IST)
Corona Warrior: 90 फीसद फेफड़ा संक्रमित होने के बाद भी नहीं हारी हिम्मत, एक माह में ठीक हुआ फेफड़ा
कोरोना से 90 फीसद फेफड़ा संक्रमित होने के बाद भी डाक्‍टरों ने मरीज को ठीक कर द‍िया। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। हिम्मत और धैर्य हो तो बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दी जा सकती है। इसे साबित कर दिखाया है राप्तीनगर निवासी 42 वर्षीय सुजीत पाठक ने। वह कोविड संक्रमित हुए, इसके बाद पोस्ट कोविड समस्या ने घेर लिया। ढाई माह उन्हें बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में भर्ती रहना पड़ा। लेकिन न तो उन्होंने हिम्मत हारी और न ही डाक्टरों ने। 90 फीसद फेफड़ा संक्रमित होने के बाद भी डाक्टरों ने उनकी जान बचा ली। वह स्वस्थ होकर घर गए। उन्होंने डाक्टरों को साधुवाद दिया।

ढाई माह में ठीक होकर घर गया राप्तीनगर का मरीज, डाक्टरों को दिया साधुवाद

सुजीत 21 अप्रैल को पाजिटिव हुए थे। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें स्वजन ने मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती कराया। एक माह तक वेंटीलेटर पर रहने की वजह से उन्हें बैरोट्रामा (छाती में हवा का दबाव बढ़ जाना) की दिक्कत हो गई। इस वजह से डाक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर से उतारकर आक्सीजन सपोर्ट पर रख दिया। इस दौरान उनके फेफड़ों व उसके बाहर झिल्ली में हवा घुस गई थी। इससे उनकी तबीयत और बिगड़ती गई। वह लंग्स फाइब्रोसिस के भी शिकार हो गए। करीब डेढ़ माह बाद उनकी कोविड की रिपोर्ट निगेटिव तो आ गई लेकिन सांस का फूलना बंद नहीं हुआ।

आक्सीजन सपोर्ट पर हुआ इलाज

इस वजह से उन्हें पोस्ट कोविड वार्ड में भर्ती किया गया। वहां भी वह आक्सीजन सपोर्ट पर रहे। मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डा. महिम मित्तल, डा. राजकिशोर सिंह व डा. अजहर अली उनकी नियमित देखरेख कर रहे थे। डा. राज किशोर सिंह ने बताया कि मरीज का फेफड़ा 90 प्रतिशत तक संक्रमित हो चुका था। लेकिन मरीज ने हिम्मत नहीं हारी। डाक्टरों द्वारा दिए जा रहे परामर्श का वह पूरा पालन करते रहे।

अन्‍य मरीजों का भी हो रहा इलाज

जुलाई के पहले सप्ताह में वह स्वस्थ होकर घर गए। उन्हें फालोअप के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा भी एक मरीज कुशीनगर का है जो डेढ़ माह से भर्ती है। 43 वर्षीय राघवेंद्र का कोविड वार्ड में इलाज चल रहा है। अब तबीयत में काफी सुधार हो गया है। शीघ्र ही वह भी स्वस्थ हो जाएंगे।

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