विभागवार आनलाइन एलुमिनाइ मीट कराने का दिखा प्रतिफल, गोविवि से जुड़ गए 15 हजार एलुमिनाई
गोरखपुर विश्वविद्यालय से एक साल के अंदर 15 हजार से अधिक एलुमिनाई जुड गए हैं। कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही इसके लिए विभागवार मुहिम चलाई थी। सभी विभागों ने आनलाइन मीट कराकर एलुमिनाई को जोडा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दुनिया भर में फैले एलुमिनाई को जोडऩे में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को बड़ी सफलता मिली है। इसे लेकर विश्वविद्यालय का आंकड़ा 15 हजार के पार यानी 15250 तक पहुंच गया है। इसे बड़ी उपलब्धि इस आधार पर कहा जा सकता है कि बीते वर्ष तक यह संख्या महज 250 थी।
कुलपति ने शुरू किया था अभियान
कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कार्यभार संभालने के बाद इसे लेकर अभियान शुरू किया था। सभी विभागाध्यक्षों को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह विभागस्तर पर एलुमिनाई मीट का आयोजन कर दुनिया भर में फैले एलुमिनाई को जोड़ें। कोरोना काल में भी विभागों ने आनलाइन आयोजन कर इस कार्य को सम्पन्न किया। नतीजतन एक साल में ही विश्वविद्यालय 15 हजार से अधिक एलुमिनाई जुड़ गए।
वैज्ञानित, शिक्षक, राजनीतिज्ञ, खिलाडी व व्यवसायी हैं विश्वविद्यालय के एलुमिनाई
विभाग मीट के माध्यम से देश-विदेश में रह रहे अपने एलुमिनाई को खोजने में सफल रहे। इनमें वैज्ञानिक, शिक्षक, राजनीतिज्ञ, ब्यूरोक्रेट, खिलाड़ी और व्यवसायी शामिल हैं। विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक विदेशी एलुमिनाई को जोडऩे में विज्ञान संकाय की भूमिका ज्यादा रही है।
एलुमिनाई मीट कराने की तैयारी में है विश्वविद्यालय
विवि की ओर से 31 अप्रैल से दो मई के बीच अंतरराष्ट्रीय एलुमिनाई मीट के आयोजन की योजना बनाई गई थी लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब जबकि संक्रमण काफी कम हो गया है तो इस आयोजन को संपन्न कराने की योजना विवि प्रशासन बना रहा है। इसके लिए पुरातन छात्र परिषद का गठन किया जा चुका है। परिषद के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह वर्ष में राष्ट्रीय स्तर के दो सम्मेलन जरूर कराएं।
संस्था के विकास में एलुमिनाई की होती है महत्वपूर्ण भूमिका
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह बताते हैं कि शिक्षण संस्थान के विकास में एलुमिनाई की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गोरखपुर विश्वविद्यालय इसमें पिछड़ा हुआ था। ऐसे में इसे लेकर विभागवार अभियान चलाया गया था, जिसमें महत्वपूर्ण सफलता मिली है। देश ही नहीं विदेश में बस चुके एलुमिनाई भी विश्वविद्यालय से जुड़कर काफी खुश है। जल्द अंतरराष्ट्रीय एलुमिनाई मीट आयोजित करने की योजना है।