सरयू खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ की मुश्किलें बरकरार

बाढ़ क्षेत्रों में पशुओं के लिए चारे की समस्या से जूझ रहे लोग लगातार जलभराव से लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 12:43 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 12:43 AM (IST)
सरयू खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ की मुश्किलें बरकरार
सरयू खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ की मुश्किलें बरकरार

जागरण संवाददाता, कपरवार : सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर 24 घंटे से स्थिर है, लेकिन बाढ़ की दुश्वारियां कम नहीं हुई है। नदी का जलस्तर घटने-बढ़ने के साथ खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गांव और खेतों में जलभराव से लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। पशुओं के लिए चारे की समस्या से भी लोग जूझ रहे हैं। गांव और खेतों में बाढ़ का पानी भरा है।

सरयू नदी सोमवार को 67.50 मीटर पर स्थिर है। नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से एक मीटर ऊपर स्थिर है। तहसील क्षेत्र में निम्न, मध्य और उच्च जलस्तर पर गांव प्रभावित होते है। विशुनपुर देवार के 10 टोले और भदिला प्रथम गांव की तीन हजार आबादी और फसल सहित भूभाग प्रभावित है। कुबाईच टोला, नौकटोला, विशुनपुर देवार, भदिला प्रथम, केवटलिया, रगरगंज के लोगों के लिए शुद्ध पीने के पानी की समस्या है। राप्ती और गोर्रा का जलस्तर स्थिर

रुद्रपुर : दोआबा के लोगों के लिए फिलहाल राहत है। खतरे का निशान पार करने के बाद राप्ती और गोर्रा का जलस्तर स्थिर हो गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम राप्ती गेज प्वाइंट भेड़ी 70.65 और गोर्रा गेज प्वाइंट पिड़रा के समीप 70 .90 पर बह रही थी। दोनों के खतरे का निशान 70.50 मीटर है।

बावजूद इसके राप्ती पर निर्मित सात तटबंध 49.145 किमी, गोर्रा पर छह तटबंध 39.525 किमी और बथुआ नाले पर पर बने नौ किमी तटबंध पर खतरा बना हुआ है। बेलवा जमींदारी बांध, तिघरा-मराक्षी, नरायनपुर औराई, बहोरादलपतपुर, ईश्वरपुरा, करनपुरा, मांझानरायन, बनकटी, भेड़ी, पिड़री सहित एक दर्जन नदी के तटवर्ती गांवों पर नदियों का लगातार कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र में भेड़ी के दलित बस्ती के किनारे, पिड़री गांव के समीप, सिलहटा बंधे के किनारे नदी कटान कर रही है। क्षेत्र के हरिश्चंद्र सिंह,अनूप गुप्ता, मोहन सिंह,वशिष्ठ पांडेय,सूर्यनाथ सिंह, झन्ने राव, संजय लाल श्रीवास्तव,ओमप्रकाश साहनी ने कहा कि नदियों के लाल निशान पार करने के बाद अभी भी खतरा बना हुआ है।

एसडीएम रुद्रपुर संजीव कुमार उपाध्याय ने कहा कि नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही हैं। इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जा रही है।

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उफनाई नदी में नाव का सफर खतरनाक

बरहज: उफनाई सरयू और राप्ती नदी में नदी पार आने जाने वालों के लिए सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। भरी नदी में नाव बहने, डगमगाने पर यात्रियों की रुह कांप जाती है। प्रतिदिन सैकड़ों लोग नाव की यात्रा करते हैं। अक्सर इंजनयुक्त नाव बह जाने की घटना होती है।

बाढ़ में सरयू नदी में सुबह आठ बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक नाव संचालन की अनुमति है। नाव में क्षमता के अनुसार ही व्यक्तियों को चढ़ाना है। लेकिन 30 की क्षमता वाले पावर बोट में 35 से 40 लोगों को चढ़ाया जाता है। साइकिल, बाइक अलग से। हादसों से बचने के लिए नाव पर लाइफ जैकेट, रस्सी, लंगर, बांस कालग्गा, हवा भरा हुआ जीप या ट्रक का ट्यूब आदि सही हालत में रखने के निर्देश है। नाव पर इसका इंतजाम नहीं है। पावर बोट पर नजदीकी गोताखोरों या आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी चस्पा नहीं है। नाव पर यात्रियों को एक साथ नहीं बल्कि, लाइन से चढ़ाने और बारी-बारी लाइन से उतारने का भी पालन नहीं होता है। यात्रियों की सुरक्षा का इंतजाम नहीं होने से नाव का सफर जोखिम भरा है।

पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता अखिलेश राम ने बताया कि सुरक्षा नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसका पालन नहीं करते तो कार्रवाई होगी।

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