बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारी और बनेंगे आरोपित

अनुदानित विद्यालयों में फर्जीवाड़ा कर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला रिमांड पर लिए गए आरोपितों के बयान के बाद एसआइटी जुटा रही साक्ष्य

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:03 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:03 AM (IST)
बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारी और बनेंगे आरोपित
बीएसए कार्यालय में तैनात तीन कर्मचारी और बनेंगे आरोपित

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले के दो अनुदानित विद्यालयों में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश होने के बाद मामले की जांच कर रही एसआइटी की कार्रवाई अब तेज हो गई है। रिमांड पर लिए गए आरोपितों के बयान के बाद एसआइटी बीएसए कार्यालय में तैनात तीन और कर्मचारियों को आरोपित बनाने में जुट गई है। मंगलवार को कुछ नए तथ्य सामने आने की बात कही जा रही है। उधर वित्त एवं लेखाधिकारी समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का पर्दाफाश किया है। वित्त एवं लेखाधिकारी समेत 19 लोगों को एसटीएफ ने आरोपित बनाया है। एसआइटी के सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को रिमांड पर लिए गए तीन आरोपितों ने बहुत कुछ बताया है। जिसके आधार पर एसआइटी साक्ष्य जुटा रही है। साथ ही तीन और विद्यालयों में फर्जी अनुदान पर किए गए नियुक्ति के बारे में भी रिमांड पर लिए गए आरोपितों ने बताया है। उस मामले में भी एसआइटी ने बीएसए से कागजात मांगा है। सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने कहा कि जांच में तेजी आ गई है। बीएसए कार्यालय में तैनात कुछ कर्मचारियों के नाम और सामने आ गए हैं। जल्द ही उनको भी आरोपित बना दिया जाएगा। जिला प्रोबेशन कार्यालय पहुंची सीबीआइ, मांगे कागजात

जागरण संवाददाता, देवरिया:

जनपद के चर्चित बाल गृह कांड की जांच करने के लिए जिले में पहुंची सीबीआइ की जांच अब तेज हो गई है। सोमवार को सीबीआइ जिला प्रोबेशन कार्यालय पहुंची और बाल गृह से संबंधित कागजात मांगे और उसका अवलोकन किया। लगभग एक घंटे तक सीबीआइ यहीं जमी रही। साथ ही पांच लोगों से अपने कैंप कार्यालय पर पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया। बाल गृह कांड की जांच सीबीआइ के इंस्पेक्टर विवेक श्रीवास्तव कर रहे हैं। बुधवार से जिले में इंस्पेक्टर के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम जिले में आ गई है। डाक बंगला को टीम ने अपना कैंप कार्यालय बनाया है। सुबह दस बजे ही सीबीआइ के विवेचक के नेतृत्व में टीम कलेक्ट्रेट स्थित जिला प्रोबेशन कार्यालय पहुंची और कागजात मांगा। कागजात लेने के बाद टीम कैंप कार्यालय लौट आई और बाल गृह से जुड़े रहे पांच लोगों से पूछताछ करने के साथ ही उनका बयान दर्ज किया। लगभग तीन घंटे तक बयान दर्ज करने की कार्रवाई की गई। पूछताछ के दौरान सीबीआइ इंस्पेक्टर के सवालों के जवाब देने उनके पसीने छूट गए। ---- यह है मामला सदर रेलवे स्टेशन रोड में मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह मामले का पर्दाफाश पांच अगस्त 2018 को पर्दाफाश हुआ था, इस मामले में संचालक गिरिजा त्रिपाठी समेत कई लोगों को पुलिस ने जेल भेजा पहले इसकी जांच एसआइटी कर रही थी। 2019 से सीबीआइ कर रही है।

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