नहीं खुला ताला, मोहन सिंह को श्रद्धांजलि नहीं दे सके विस के पूर्व अध्यक्ष

आडिटोरियम में रखी गई पूर्व सांसद स्व.मोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाने पहुंचे थे सपा के वरिष्ठ नेता माता प्रसाद पांडेय की मौजूदगी में सपा नेताओं का प्रदर्शन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 12:03 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 12:03 AM (IST)
नहीं खुला ताला, मोहन सिंह को श्रद्धांजलि नहीं दे सके विस के पूर्व अध्यक्ष
नहीं खुला ताला, मोहन सिंह को श्रद्धांजलि नहीं दे सके विस के पूर्व अध्यक्ष

जागरण संवाददाता, देवरिया: टाउनहाल परिसर स्थित आडिटोरियम का ताला नहीं खुलने से सपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को निराश होना पड़ा। बुधवार को वह पूर्व सांसद एवं समाजवादी विचारक स्व.मोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि नहीं कर सके। उन्हें बैरंग वापस लौटना पड़ा। इसके विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने उनकी मौजूदगी में आडिटोरियम के सामने प्रदर्शन किया।

22 सितंबर को पूर्व सांसद स्व.मोहन सिंह की पुण्यतिथि होने के कारण पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय देवरिया आए थे। वह सपा कार्यकर्ताओं के साथ आडिटोरियम में स्थापित मोहन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाने पहुंचे, लेकिन ताला बंद होने से वह प्रतिमा तक नहीं पहुंच सके। उन्होंने कहा कि भाजपा के इशारे पर ताला नहीं खोला गया। जिसके चलते मैं पुष्प अर्पित नहीं कर सका। यह निदनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी की सरकार में आडिटोरियम बनाने के लिए धन स्वीकृत हुआ था। इसका शिलान्यास भी मैंने किया था। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की जाएगी। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आडिटोरियम स्थल पर ताला लगने के विरोध में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर विरोध जताया। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष डा. दिलीप यादव, बाबू लाल यादव, हृदय नारायण जायसवाल, पूर्व विधायक गजाला लारी आदि मौजूद रहे।

----- आडिटोरियम के नामकरण को लेकर चल रहा विवाद

टाउनहाल परिसर में आडिटोरियम के नामकरण को लेकर विवाद चल रहा है। इसका निर्माण सपा शासनकाल में शुरू हुआ। नगर पालिका बोर्ड ने 20 दिसंबर 2019 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर इसके नामकरण का प्रस्ताव पास किया। कमिश्नर से इसका अनुमोदन कराया गया। 18 सितंबर 2020 की रात पूर्व सांसद मोहन सिंह की प्रतिमा रखकर बाबू मोहन सिंह स्मृति प्रेक्षागृह लिखा गया। इसके बाद मोहन सिंह का नाम मिटाकर अटल बिहारी वाजपेयी का नाम अंकित कराया गया। फिर अटल बिहारी वाजपेयी का नाम मिटा दिया गया। आडिटोरियम पर वर्तमान में मोहन सिंह स्मृति प्रेक्षागृह अंकित है। ---

स्व.मोहन सिंह वरिष्ठ नेता थे। उनकी प्रतिमा को आडिटोरियम में अधिकृत रूप से नहीं रखी गई है। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष को अपनी राजनीति चमकाने के लिए मोहन सिंह जी जैसे व्यक्तित्व को विवाद में नहीं डालना चाहिए। अंतर्यामी सिंह

जिलाध्यक्ष, भाजपा

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अध्यक्ष व ईओ का नहीं उठा फोन

इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह व अधिशासी अधिकारी रोहित सिंह से पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन दोनों लोगों का फोन नहीं उठा। वहीं नगर निकाय प्रभारी एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज ने बताया कि सपा के एक नेता ने मेरे पास फोन किया था। जब मैंने पता कराया तो सभी लोग आडिटोरियम से जा चुके थे।

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