स्कूलों में हुए फर्जीवाड़ा की जांच करेगी एसआइटी

एडीजी के निर्देश पर एसपी ने गठित की एसआइटी सीओ सिटी के नेतृत्व में एसआइटी करेगी कार्य

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Jul 2021 05:00 AM (IST) Updated:Fri, 16 Jul 2021 05:00 AM (IST)
स्कूलों में हुए फर्जीवाड़ा की जांच करेगी एसआइटी
स्कूलों में हुए फर्जीवाड़ा की जांच करेगी एसआइटी

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले के अनुदानित विद्यालयों में हुए फर्जीवाड़े की चल रही जांच के बीच एडीजी जोन के निर्देश पर अब एसआइटी का गठन कर दिया गया है। सीओ सिटी के नेतृत्व में यह टीम जांच करेगी। गुरुवार को सीओ सिटी ने अनुदानित दो विद्यालयों में हुई गड़बड़ी व दर्ज मुकदमे के अभिलेख का अवलोकन किया। एक से दो दिन के अंदर एसआइटी जांच करने के लिए बीएसए कार्यालय भी पहुंचेगी। एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का पर्दाफाश किया है। वित्त एवं लेखाधिकारी समेत 19 लोगों को एसटीएफ ने आरोपित बनाया है। कोतवाल राजू सिंह को इसकी विवेचना सौंपी गई है। मामला बड़ा होने पर एडीजी जोन अखिल कुमार ने संज्ञान लेते हुए एसआइटी गठन कर अनुदानित विद्यालयों की जांच कराने का निर्देश दिया है। पुलिस अधीक्षक डा.श्रीपति मिश्र ने जिले में एसआइटी का गठन किया है। जिसमें सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी अध्यक्ष, शहर कोतवाल राजू सिंह, कोतवाली के वरिष्ठ उप निरीक्षक विपिन मलिक, एसटीएफ के प्रभारी सत्य प्रकाश सिंह समेत 15 सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम के अध्यक्ष श्रीयश त्रिपाठी ने कहा कि टीम अभी जांच शुरू नहीं की है। पत्रावली मंगाकर अवलोकन किया जा रहा है। एक से दो दिन में टीम बीएसए कार्यालय पहुंच कर बयान दर्ज करेगी। शिक्षक भर्ती में हुए धांधली का पर्दाफाश किया जाएगा।

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एसटीएफ ने आठ विद्यालयों को पहले से ही किया है चिन्हित अनुदानित विद्यालयों में फर्जी तरीके से अनुमोदन कराकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने के साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। दो विद्यालयों में हुई गड़बड़ी का पर्दाफाश कर एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है। जबकि छह विद्यालय और चिन्हित भी एसटीएफ ने किया है। अब एसआइटी पूरे प्रकरण की जांच करेगी और एसआइटी की जांच में कुछ और भी विद्यालय इस घेरे में आ सकते हैं। एसआइटी के गठन के बाद बीएसए कार्यालय पर मंडराने वाले कुछ प्रबंधक नजर नहीं आ रहे हैं। फर्जी अनुमोदन पर कैसे होता रहा भुगतान

जांच टीम के सामने एक नया मामला सामने आ गया है। अगर 2012 में बीएसए रहे एएन मौर्या के फर्जी हस्ताक्षर पर अनुमोदन दिखाया गया तो 2016 से 18 के बीच में कैसे भुगतान किया गया। यह एक बड़ा सवाल है। क्या उस समय के बीएसए व अन्य अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दिए। अब इसका पर्दाफाश तो एसआइटी की जांच में ही हो सकेगा। बीएसए ने कार्रवाई करने के लिए लिखा दो विद्यालय में हुए गड़बड़ी व नियुक्ति का पर्दाफाश होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय ने दोनों विद्यालयों के प्रबंधक को उन्हें निलंबित व आगे की कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिसमें लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन में तैनात शिक्षक दिलीप कुमार उपाध्याय, राघवेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, विमल कुमार शुक्ला, ब्रजेंद्र सिंह, सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाबू बभनी में तैनात शिक्षक रंजना कुमारी, विनय कुमार, जगदीश यादव, श्वेता मिश्रा, रंजना, नीतू रस्तोगी, सुरेंद्र यादव, कुमारी विमला यादव शामिल हैं।

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