एसआइटी ने बढ़ाई एंटी करप्शन एक्ट की धारा

विवेचना में धोखाधड़ी के साथ एंटी करप्शन व अन्य धाराएं बढ़ाई लिपिक से लेकर साहब तक को आरोपित बनाने में जुटी एसआइटी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:32 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:32 AM (IST)
एसआइटी ने बढ़ाई एंटी करप्शन एक्ट की धारा
एसआइटी ने बढ़ाई एंटी करप्शन एक्ट की धारा

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले के दो अनुदानित विद्यालयों में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआइटी की जांच में फर्जीवाड़े में शामिल आरोपितों पर शिकंजा अब और कस गया है। एसआइटी ने विवेचना के दौरान एंटी करप्शन एक्ट की धारा को बढ़ा दिया है। लिपिक से लेकर साहब तक को आरोपित बनाने में एसआइटी जुटी है। इससे संबंधित साक्ष्य भी एसआइटी को मिल गए हैं। जल्द ही फरार अन्य आरोपितों को भी टीम गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।

एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का 10 जुलाई को पर्दाफाश किया। पांच आरोपित अभी जेल भेजे जा चुके हैं। प्रकरण की जांच कर रही एसआइटी को अहम सुराग हाथ लग गए हैं, जिससे लिपिक से लेकर कुछ अधिकारी तक जांच की आंच पहुंच गई है। जल्द ही लिपिक से लेकर साहब तक से एसआइटी पूछताछ कर उनकी गिरफ्तारी भी कर सकती है। अभी तक आरोपितों पर धोखाधड़ी का ही मुकदमा दर्ज था, लेकिन एसआइटी की जांच में एंटी करप्शन एक्ट समेत कुछ और धाराएं बढ़ा दी गई है। सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने कहा कि विवेचना की जा रही है। जैसे तथ्य आ रहे हैं, वैसे ही आगे की कार्रवाई की जा रही है। सीबीआइ दिनभर सहेजती रही कागजात

जागरण संवाददाता, देवरिया: जिले के चर्चित बाल गृह कांड की जांच सीबीआइ गुरुवार को भी अपने कैंप कार्यालय डाक बंगला में जमी रही और कागजात सहेजते नजर आई। शुक्रवार को सीबीआइ लखनऊ के लिए रवाना हो जाएगी।

स्टेशन रोड में संचालित बाल गृह कांड की जांच सीबीआइ के इंस्पेक्टर विवेक श्रीवास्तव कर रहे हैं। दिनभर टीम डाक बंगला में जमी रही और जिला प्रोबेशन कार्यालय समेत अन्य जगहों से मिले कागजात को सहेजने में जुटी रही। सात दिनों में सीबीआइ ने कुल 19 लोगों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया है। सूत्रों का दावा है कि एक से डेढ़ माह के अंदर सीबीआइ इस प्रकरण की विवेचना पूरी कर लेगी।

अगस्त 2018 में बाल गृह कांड का पर्दाफाश किया गया था। पहले एसआइटी इसकी जांच की थी। 2019 से प्रकरण की जांच सीबीआइ कर रही है।

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