सरयू व राप्ती नदी का बढ़ा जलस्तर, बाढ़ चौकियां सक्रिय
बरहज में सरयू नदी खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर नीचे प्रवाहित हो रहीकर्मचारियों को बाढ़ चौकियों पर रहने के निर्देश दिए गए
जागरण संवाददाता, बरहज: सरयू और राप्ती नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव के लोग बाढ़ को लेकर चितित हो गए है। सरयू नदी खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर नीचे प्रवाहित हो रही है। प्रशासन बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया है। कर्मचारियों को बाढ़ चौकियों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। उधर तटवर्ती ग्रामीणों की चिता बढ़ने लगी है।
शुक्रवार को सरयू नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से नीचे 66.05 मीटर पर प्रवाहित हो रही है। सरयू नदी खतरे के निशान से 45.05 सेंटीमीटर नीचे है। 24 घंटे में सरयू नदी का दो मीटर जलस्तर बढ़ने का अनुमान है। राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। संगम तट से लेकर कटइलवा गांव तक जारी बाढ़ और कटान से बचाव कार्य प्रभावित हो गया है। एसडीएम संजीव कुमार यादव ने बताया कि वर्षा का जल है। जलस्तर बढ़ रहा है। खतरे जैसी कोई बात नहीं है। प्रशासन नदी के जलस्तर पर नजर रखे हुए है। बाढ़ चौकियों पर संसाधन नहीं बरहज: बाढ़ से निपटने के लिए बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है। बाढ़ चौकियों व शिविरों पर कर्मचारी तैनात कर दिए गए हैं। सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। लेकिन बनाई गई बाढ़ चौकियों पर संसाधनों का इंतजाम नहीं है।
क्षेत्र के बरहज, मईल, महेन तीन सेक्टर बनाया गया है। 11 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। बीआरडीबीडीपजी कालेज बरहज, अनंत इंटर कालेज सतरांव, साधन सहकारी समिति महेन, साधन सहकारी समिति कपरवार, साधन सहकारी समिति मौना गढ़वा, साधन सहकारी समिति पैना, प्राथमिक विद्यालय परसिया देवार, प्राथमिक विद्यालय विशुनपुर देवार में बाढ़ चौकी बनी है। क्षेत्र के 122 गांव बाढ़ से प्रभावित होते है। साधन सहकारी समिति कपरवार बाढ़ चौकी है। प्राथमिक विद्यालय परसिया देवार, विशुनपुर देवार बाढ़ चौकी बनी है, रमाशंकर यादव, रमेश कुमार ने बताया कि कोई इंतजाम नहीं है। दोआबा में राप्ती और गोर्रा का जलस्तर बढ़ा
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : बारिश के चलते राप्ती और गोर्रा नदी के जलस्तर में पिछले 48 घंटे के दौरान करीब तीन मीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। शुक्रवार की शाम गेज स्थल भेड़ी के समीप राप्ती 68.50 मीटर व गोर्रा 68.85 मीटर पर प्रवाहित हो रही थी। पिछले 48 घंटे के अंदर दोनों नदियों के जलस्तर में करीब तीन मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। राप्ती खतरे के निशान 70.50 मीटर से दो मीटर नीचे व गोर्रा खतरे के निशान से 1.65 मीटर नीचे बह रही है। जलस्तर बढ़ने से सर्वाधिक खतरा तिघरा मराक्षी तटबंध पर है। तटवर्ती गांवों नरायनपुर औराई, बहोरा दलपतपुर, ईश्वरपुरा, करनपुरा, मांझानरायन, बनकटी, भेड़ी सहित दर्जनों गांवों के लोग नजर रखे हैं। क्षेत्र के दिनेश राव, जय सिंह, उद्धव गुप्ता, सूर्यनाथ सिंह आदि का कहना है कि अब दोआबा पर खतरा मंडराता जा रहा है। नदी के जलस्तर पर बराबर नजर रखी जा रही है। बाढ़ विभाग को बंधों की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी घबराने की बात नहीं है।
संजीव कुमार उपाध्याय
एसडीएम, रुद्रपुर