मकान बनाते समय दें ध्यान, लगाएं रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

जल संकट से निपटने के लिए वर्षा जल संरक्षण ही कारगर उपाय रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम मकान में लगाना जरूरी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:12 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:12 AM (IST)
मकान बनाते समय दें ध्यान, लगाएं रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम
मकान बनाते समय दें ध्यान, लगाएं रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम

जागरण संवाददाता, देवरिया : लगातार भूजल के हो रहे दोहन एवं जल संकट से निपटने के लिए वर्षा जल संरक्षण ही कारगर उपाय है। इसके लिए लोगों को मकान बनाते समय रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने पर ध्यान देना होगा। जिससे आने वाले दिनों में पानी की समस्या से न जूझना पड़े।

सिविल इंजीनियर एवं तकनीकी विशेषज्ञ सुधीर कुमार का मानना है कि मकान का मानचित्र बनाने के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे कम जगह में इस बहुआयामी सिस्टम को लगाकर जल संरक्षण किया जा सके।

इसमें कोई खास लागत नहीं है सिर्फ लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक व सजग होने की जरूरत है खासतौर पर उन इलाकों के लोगों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम जरूरी है यहां का वाटर लेवल काफी नीचे है यह बात जरूर है कि जिले में वाटर लेवल अभी बहुत नीचे नहीं है। फिर भी भविष्य को ध्यान में रखते हुए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को लगाया जाना जरूरी है। जिससे भवन निर्माण के बाद किसी भी प्रकार की तोड़ फोड़ से बचा जा सके।

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करीब डेढ़ से दो लाख लागत:

रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के लिए करीब डेढ़ से दो लाख रुपये अतिरिक्त खर्च कर भविष्य को संवारा जा सकता है। इसके लिए सिर्फ लोगों को पहल करने की जरूरत है।

यदि बहुमंजिली इमारत का निर्माण हो रहा है तो एक रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने में करीब पांच से सात लाख रुपये की लागत आएगी।

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यह है तकनीकी पक्ष:

यदि सामान्य इमारत का निर्माण हो रहा है तो आठ फीट गहराई एवं आठ फीट चौड़ाई का एक पिट टैंक बनाने में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये की लागत आएगी। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बनाने के लिए छत के ऊपर से पाइप नीचे बनाए गए पिट के टैंक में पाइपलाइन को कनेक्ट कर दिया जाता है। जिससे वर्षा जल बाहर न जा सके। पिट के अंदर चार इंच की बोरिग भी की जाती है। जिससे पानी भूमि के नीचे अवशोषित हो जाएगा। बारिश अधिक होने पर टैंक ओवरफ्लो हो जाता है। इसलिए एक कनेक्टिग पाइप लगाई जाती है, जो पानी को बाहर निकाल सके। यह स्थिति बहुत अधिक बारिश होने पर आती है।

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