डीजल-पेट्रोल की चोरी में 22 आरोपित भेजे गए जेल

बैतालपुर डिपो के निकट तेल की चोरी बिक्री एवं जमाखोरी का मामला पेट्रोलियम डिपो की तरफ से अलग-अलग तीन चोरी के मुकदमे दर्ज कराए गए

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:50 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:50 PM (IST)
डीजल-पेट्रोल की चोरी में 22 आरोपित भेजे गए जेल
डीजल-पेट्रोल की चोरी में 22 आरोपित भेजे गए जेल

जागरण संवाददता, देवरिया : बैतालपुर डिपो के निकट पेट्रोलियम पदार्थ की चोरी, बिक्री एवं जमाखोरी करने वाले धंधेबाजों के खिलाफ जिला पूर्ति अधिकारी की तहरीर पर गौरी बाजार पुलिस ने शनिवार की देररात 22 आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर रविवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। उसके बाद सभी आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।

डीजल-पेट्रोल की चोरी मामले में जिन आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेजा गया है, उसमें दीन दयाल गुप्ता, पिटू गुप्ता, दशरथ गुप्ता, अमर राज गिरी, हरिहर विश्वकर्मा, मुकेश यादव, विनोद प्रसाद, नवनाथ यादव, धर्मेंद्र यादव, जयराम यादव, रामकुमार वर्मा, उमेश यादव नमराज खरदा, सलीम अंसारी, जयराम यादव मुकेश कुमार, सोरठा सिंह, अजय कुमार, अमित यादव, सूरज यादव, प्रमोद यादव, अफरोज, दीनदयाल हरिजन शामिल हैं।

दूसरी तरफ शनिवार की सुबह इंडियन आयल, हिदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम की तरफ से तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि डिपो से बाहर जाने वाले टैंकरों से तेल चोरी होने की सूचना मिली है। उस आधार पर अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज किया गया था।

थानाध्यक्ष गौरीबाजार अनिल पांडेय ने बताया कि सभी 22 आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। वहां से सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है। इसके अलावा कई अन्य लोगों के नाम प्रकाश में आ रहा है। उसकी छानबीन की जा रही है। 2019 में 13 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा

बैतालपुर डिपो के आसपास के गांव में तेल का अवैध धंधा नया नहीं है। इससे पहले भी यहां छापेमारी हुई थी। 2019 में 19 जून को डीएम व एसपी ने छापेमारी की थी। उस समय नौ हजार 125 लीटर अवैध तेल बरामद किया गया था। कुल 21 टीमों ने कार्रवाई की थी। 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए आठ लोगों को मौके से गिरफ्तार भी किया था। बाद में गैंगस्टर की कार्रवाई भी हुई थी। इस कार्रवाई के बाद तेल का धंधा बंद हो गया था। लेकिन फिर धंधा शुरू हो गया। ऐसे कार्य करते हैं धंधेबाज:

बैतालपुर कस्बा से लेकर मझना नाले तक लगभग 50 जगहों पर चहारदीवारी या मकान बनाकर बड़े-बड़े लोहे के गेट लगाए गए हैं। जब डिपो से टैंकर निकलते हैं तो सीधे उस बड़े गेट में घुस जाते हैं। फिर चालक की मिलीभगत से टैंकर से तकरीबन 50 से 60 लीटर डीजल व पेट्रोल बाल्टी या पाइप से निकाल लिया जाता है। कुछ ही देर बाद चालक टैंकर लेकर निर्धारित पेट्रोल पंप के लिए निकल जाता है।

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