अभिलेखों में जालसाजी पर पांच राजस्वकर्मियों के खिलाफ मुकदमा
कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने की कार्रवाई मुख्य राजस्व अधिकारी की जांच में कूटरचना की हुई पुष्टि
जागरण संवाददाता, देवरिया: चकबंदी अभिलेख में में कूटरचना कर फर्जी तरीके से नाम दर्ज किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन लेखपाल, राजस्व अभिलेखागार के बाबू, भाटपाररानी के सरया गांव के भुटैली, रामअशीष, नवनीत उर्फ पंकज के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
मामला भाटपाररानी तहसील के सरया गांव का है। गांव के निर्भय नारायण सिंह ने उनके खेत को फर्जी तरीके से दूसरे नाम दर्ज किए जाने की शिकायत डीएम से की थी। जांच में पता चला कि कूटरचना कर आकार पत्र 45 में जालसाजी कर गंगाजली पुत्री जगदेव के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति का नाम अंकित किया है। पांच नवंबर 2019 को राजस्व अभिलेखागार से जारी आकार पत्र 45 में केवल गंगाजली पुत्री जगदेव के नाम दर्ज है। जबकि 20 मार्च 2020 को जारी आकार पत्र में गंगाजली पुत्री जगदेव के अलावा भुटौली पुत्र गुजेश्वरी का नाम भी अंकित है। स्याही व लिखावट में भिन्नता सामने आई है। लेखपाल के पास उपलब्ध आकार 45 में भी गंगाजली पुत्री जगदेव के साथ भुटैली पुत्र गुजेश्वरी का नाम बढ़ा हुआ प्रतीत हो रहा है। वर्तमान खतौनी में वह गाटा संख्या धर्मशीला देवी बालिका विद्यालय सरैया प्रबंधक नवनी तहत पंकज पुत्र गुजेश्वरी के नाम अंकित है। तत्कालीन एसडीएम भाटपाररानी के अनुरोध पर डीएम के निर्देश पर सीआरओ ने प्रकरण की दोबारा जांच की। चकबंदी आकार पत्र 45 के दोनों प्रतियों में कूटरचना कर भुटैली पुत्र गुजेश्वरी का नाम बढ़ाने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा एक अन्य गाटा संख्या में बंजर की भूमि को राम अशीष पुत्र मंगल का नाम अंकित करने की पुष्टि हुई। सीआरओ ने 186 पन्ने की जांच आख्या एसडीएम को भेजकर एसडीएम को अभिलेख दुरुस्त करने व मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो निर्भय नारायण ने कोर्ट की शरण ली।
----------------
कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अनुज कुमार सिंह
सदर कोतवाल