नवलपुर व बरहज में भी डा.अल्तमश हुसैन चलाता था नर्सिंग होम

नवलपुर नर्सिंगहोम में छापेमारी के पहले ही फरार हो जाता डाक्टर केजीएमसी लखनऊ से 2012 में पूरा किया था एमबीबीएस की पढ़ाई

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:07 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:07 AM (IST)
नवलपुर व बरहज में भी डा.अल्तमश हुसैन चलाता था नर्सिंग होम
नवलपुर व बरहज में भी डा.अल्तमश हुसैन चलाता था नर्सिंग होम

जागरण संवाददाता, सलेमपुर : ब्लैक फंगस व कोरोना से संबंधित इंजेक्शन समेत दूसरी जीवनरक्षक दवाइयों के नकली बनाकर बेचने वाला डा.अल्तमश हुसैन सलेमपुर के नवलपुर व बरहज में भी नर्सिंग होम चला चुका है। यहां भी नकली दवाएं बेचने व बिना आपरेशन थियेटर के ही मरीजों के आपरेशन करने की शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य टीम छापेमारी करती रही, लेकिन वह कभी टीम के हाथ नहीं लग सका।

केजीएमसी लखनऊ से 2012 में एमबीबीएस व उसके अगले सत्र में दिल्ली के एम्स से न्यूरोलॉजी में डिप्लोमा करने के बाद डा.अल्तमश नवलपुर स्थित मकान में प्रैक्टिस करना शुरू किया। कम समय में ही चिकित्सा के क्षेत्र में वह न्यूरो में प्रसिद्ध हो गया। उसके यहां कई एजेंट काम करते थे, जो कमीशन लेकर सरकारी अस्पताल से मरीजों को बहला फुसलाकर भेजते थे। वह भले ही न्यूरो के क्षेत्र में विशेषज्ञ था, लेकिन उसके यहां सभी प्रकार के रोगों का इलाज व आपरेशन भी होता था। मरीजों की भीड़ इतनी होती थी कि एक दिन पहले ही पर्ची लगानी होती थी। बिहार सहित दूर-दूर से मरीजों के आने के चलते यहीं से नकली दवाओं का कारोबार शुरू हो गया।

यही नहीं डा. अल्तमश युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर भी लाखों रुपये ठग लिया। इस मामले में वह जेल भी जा चुका है। एमबीबीएस करने के पहले वह इलेक्ट्रॉनिक सामान को आधे दाम पर रजिस्ट्रेशन कराकर बेचने का कारोबार कर चुका है। कई ग्राहकों का उसने पैसा लेकर फरार हो गया। उस समय भी लोगों ने कोतवाली में तहरीर दी थी। यहां से फरार होने के बाद डा. अल्तमश गाजियाबाद में छोटे भाई आफताब व मित्र से जुड़कर नकली दवाई का धंधा करने लगा। 29 अप्रैल 2021 को उसे यूपी क्राइम ब्रांच ने नकली रेमडेसिविर का धंधा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके बाद आठ मई को जेल से रिहा हुआ। रिहा होने के बाद वह अधिकांश समय गांव पर ही रहा। यहीं से वह कारोबार चलाता था। छोटे भाई आफताब के पकड़े जाने के बाद गाजियाबाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर ली। पिता बनाता था पंक्चर आज करोड़पति में हो रही गिनती एमबीबीएस की पढ़ाई के पहले डा. अल्तमश के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब रही। पिता नवलपुर चौराहे पर आवास के समीप साइकिल का पंक्चर बनाने का कार्य करता था। आर्थिक संकट झेल रहे अल्तमश शुरू से लोगों को ठगी का शिकार बनाकर उनका आर्थिक दोहन करता था। कभी बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के नाम पर तो कभी आधे दाम पर बाइक, कूलर व इलेक्ट्रॉनिक सामान बेचकर पैसा इकट्ठा किया और एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर ली। आज उसके पास करोड़ों की संपत्ति है।

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