भाइयों के कलाई पर सजेगी दीदी की बनाई राखी
समसामयिक पर्व को आजीविका का सहारा बना रहीं महिलाएं स्वयं सहायता महिलाओं को कई योजनाओं से जोड़ा जा रहा
जागरण संवाददाता, बंगरा बाजार, देवरिया : स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने आपदा को भी अवसर में बदल लिया है। समसामयिक पर्व को आजीविका का सहारा बना रही हैं। मास्क व यूनीफॉर्म सिलाई के बाद उनका जोर रक्षाबंधन पर है। तरह-तरह की 15 हजार लुभावनी राखी तैयार कर बाजार में हुनर का प्रदर्शन करेंगी। पांच से 20 रुपये तक कीमत वाली उनके हाथों से बनाई गई राखी भाइयों की कलाई की शोभा बनेंगी ।
वैश्विक महामारी के दौर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर जोर दिया जा रहा है। इसलिए मनरेगा समेत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं व कामगारों के लिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर तलाशे जा रहे हैं। स्वयं सहायता महिलाओं को विभिन्न प्रकार की योजनाओं से जोड़ा जा रहा है। मास्क निर्माण, ड्रेस सिलाई के बाद अब राखी बनाने का काम सौंपा गया है।
ग्रामीण महिलाओं के लिए यह कोई मुश्किल कार्य नही है। गांव में गठित समूहों के खाते में पर्याप्त धनराशि है। ऐसे में नया कारोबार शुरू करने को कच्चा माल खरीदने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है। वर्तमान में बनकटा ब्लाक की महिलाएं रंग- बिरंगी राखी बनाने का काम कर रही हैं। महिलाएं रोजाना करीब 200 राखी तैयार कर रही हैं। 15 हजार राखी बनाने का लक्ष्य है। कई तरह की राखियों का हो रहा निर्माण :
सोहनपुर निवासी दुर्गा समूह की अध्यक्ष आरती देवी, अंजली, आराधना, गुंजन ने बताया कि सिवान बिहार से धागा, मूर्ति समेत राखी निर्माण में इस्तेमाल होने वाली अन्य सामग्री की खरीदारी की है। जिससे कई तरह की राखियां बनाई जा रही है। हर राखी की खरीदारी में दो से पांच रुपए खर्च आ रहा है। बाजार में इनकी कीमत पांच से 20 रुपये है। रक्षाबंधन नजदीक आने पर दुकानदार को इसकी बिक्री की जाएगी। प्रत्येक राखी पर तीन से 15 रुपये मुनाफा होगा। आनलाइन हो रहा प्रचार :
दुर्गा समूह सोहनपुर में बनी राखी का प्रचार व बिक्री के लिए फ्लिपकार्ट सहित अन्य कम्पनी के वेबसाइट पर प्रचार चल रहा है। अब तक पांच हजार राखी का मिल चुका है आर्डर। महिलाओं के हुनर के प्रचार प्रसार के कारण क्षेत्र के लोकल मार्केट सोहनपुर, पड़री, रामपुर, बंगरा से अब तक पांच हजार राखियों का डिमांड आ चुका है । कुल 15 हजार राखी बनाने का लक्ष्य है
सोहनपुर की महिलाएं राखी बनाने का काम कर रही हैं, उन्होंने सिवान से कच्चा माल खरीदा था। राखी बनाकर बाजार में बिक्री करेंगी। स्थानीय स्तर पर राखी का निर्माण होने से कीमतें नियंत्रित रहेंगी। महिलाओं को रोजगार भी मिल गया है। विभाग महिलाओं की हरसंभव मदद कर रहा है। कमलेश कुमार,
ब्लाक मिशन प्रबंधन