समितियों पर पहुंची डीएपी, फिर भी किल्लत बरकरार
खाद के लिए सुबह से ही किसानों की गोदाम पर लग जा रही लाइन एक से दो बोरी खाद देकर कर दिया जा रहा वापस
जागरण संवाददाता, देवरिया:
जिले में 1317 टन डीएपी आ तो गई है, लेकिन किसानों की जरूरत के लिए पर्याप्त नहीं है। खाद की किल्लत बरकरार है। किसानों को एक से दो बोरी खाद मिल पा रही है।
जिले में 187 साधन सहकारी समितियां हैं, जिसमें से 164 सक्रिय हैं। बाकी समितियां डिफाल्टर हैं। इसमें से 122 पर खाद उपलब्ध हो सकी है। खाद के लिए सुबह से ही गोदामों पर अब भी किसानों की लाइन लग रही है। सोमवार को सलेमपुर विकास खंड के परसिया भगौती, पुरैना गोदाम पर सुबह से ही किसानों की कतार दिखी। रामपुर बुजुर्ग सहकारी समिति पर खाद तो थी, लेकिन साढ़े आठ बजे तक न तो वहां कोई किसान था और न ही सचिव। इसके अलावा अनुआपार, पांडेयपार, इचौना, सलेमपुर कस्बा, परसिया तारा समेत अन्य साधन सहकारी समिति के गोदाम पर खाद मौजूद थी, लेकिन किसानों को मांग के अनुरूप खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा था। जो किसान चार बोरी डीएपी मांग रहा था, उसे दो बोरी खाद उपलब्ध कराई जा रही है। दुबौली के किसान दुर्गा दुबे ने कहा कि मुसैला में निजी दुकान से खाद व बीज की खरीदारी करनी पड़ी है।
- बारिश के चलते खेत में पानी लग गया था, जिसके चलते फसल की बोआई प्रभावित हो गई। नजदीक के केंद्र पर खाद लेने के लिए गया तो वहां तरह-तरह के कागजात मांगे गए। दो दिन कागजात लाने में दौड़ते रहे, अंत में बाजार से खाद व बीज की खरीदारी की। खाद-बीज के चक्कर में चार दिन बोआई प्रभावित हुई है।
विवेकानंद पांडेय, महुई पांडेय
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दो दिन गोदाम पर गया, लेकिन खाद उपलब्ध न होने के चलते खाद नहीं मिल पाई। इसके बाद दुकान से खाद लेनी पड़ी। खाद के लिए हर कोई परेशान है। विनय कुमार पांडेय, महुई पांडेय
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कई दिनों से साधन सहकारी समिति खुखुंदू पर खाद लेने के लिए जा रहा हूं, लेकिन खाद उपलब्ध न होने की बात कह कर वापस कर दिया जा रहा है। गेहूं की बोआई प्रभावित हो गई है।
राजदेव विश्वकर्मा, खुखुंदू
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गोदाम पर समय से खाद नहीं मिल रही है। बोआई प्रभावित होने के चलते किसान प्राइवेट दुकानों पर जा रहे हैं। दुकानों पर भरोसा न होने के बावजूद भी वहां से खरीदारी करनी पड़ रही है।
परमानंद पाल, पड़ौली
- जिले में 1317 टन खाद आ गई है। खाद की किल्लत जिले में नहीं है। 122 साधन सहकारी समितियों पर खाद पहुंच गई है और वितरण हो रहा है।
बीके सिंह, प्रबंधक, इफको