2014 के बाद अनुदानित विद्यालयों में हुई नियुक्तियों की होगी जांच

एसआइटी ने दो वित्त एवं लेखाधिकारी के कार्यकाल में हुए भुगतान की मांगी जानकारी चार दिन में बीएसए दें प्रथम भुगतान व शिक्षकों की नियुक्तियों का ब्योराअनुदानित विद्यालयों में फर्जीवाड़ा कर शिक्षकों की नियुक्ति का मामला

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 05:42 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 05:42 AM (IST)
2014 के बाद अनुदानित विद्यालयों में हुई नियुक्तियों की होगी जांच
2014 के बाद अनुदानित विद्यालयों में हुई नियुक्तियों की होगी जांच

जागरण संवाददाता, देवरिया : जिले के अनुदानित दो विद्यालयों में फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश करने के बाद अन्य विद्यालयों में हुई फर्जी नियुक्तियों से पर्दा उठाने में टीम जुट गई है। एसआइटी ने 2014 के बाद जिले के अनुदानित विद्यालयों में हुई नियुक्ति व उनके भुगतान के बारे में बीएसए से जानकारी मांगी है। चार दिनों में बीएसए ने पूरा ब्योरा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। जांच में तेजी आने से प्रबंधकों व शिक्षकों में खलबली मची है। खुद को बचाने की जुगत में जुट गए हैं।

एसटीएफ ने लघु माध्यमिक विद्यालय मदरसन व सहदेव पूर्व माध्यमिक विद्यालय में फर्जी अनुमोदन पत्र के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति व भुगतान का पर्दाफाश किया है। वित्त एवं लेखाधिकारी समेत 19 लोगों को एसटीएफ ने आरोपित बनाया है। एडीजी जोन अखिल कुमार के निर्देश पर जिले में शिक्षक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिए सीओ सिटी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया है। एक दिन पूर्व एसआइटी में शामिल एसटीएफ व कोतवाली पुलिस बीएसए कार्यालय पहुंच कर एक घंटे तक पूछताछ की। वर्तमान वित्त एवं लेखाधिकारी व पूर्व में तैनात रहे वित्त एवं लेखाधिकारी के कार्यकाल में की गई नियुक्ति व भुगतान के बारे में जानकारी मांगी है। एसटीएफ का मानना है कि 2014 के बाद अनुदानित विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों के प्रथम भुगतान में गड़बड़ी की गई है। खंड शिक्षा अधिकारियों से भी इन मामलों में रिपोर्ट मांगी गई है।

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पहले भी वित्त एवं लेखाधिकारी पर दर्ज हो चुका है मुकदमा बीएसए कार्यालय के वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव पर पहले भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। सलेमपुर के धनपुरवा स्थित एक विद्यालय में हुए भुगतान के मामले में 4 दिसंबर 2018 में तत्कालीन बीएसए माधवजी तिवारी ने मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें पूर्व बीएसए उपेंद्र कुमार, वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव, लिपिक जनार्दन उपाध्याय व तनुज श्रीवास्तव को आरोपित बनाया गया था। पुलिस ने 21 जुलाई 2019 में इस मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।

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