एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से मुश्किल में मरीज

मरीजों को उठानी पड़ी परेशानी मजबूरी का उठाया फायदा सोनूघाट में खड़े 108 व 102 एंबुलेंस को प्रशासन ने पुलिस लाइन में खड़ा कराया

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:18 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:18 AM (IST)
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से मुश्किल में मरीज
एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से मुश्किल में मरीज

जागरण संवाददाता, देवरिया: स्वास्थ्य विभाग के 108, 102 एंबुलेंस चालकों का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। एंबुलेंस चालकों के आंदोलन से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। गंभीर मरीजों को प्राइवेट वाहन कर जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज जाना पड़ा। मरीजों की मजबूरी का फायदा प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने खूब उठाया। उधर देर रात पुलिस ने डीएम के निर्देश पर सभी 63 एंबुलेंस को सोनूघाट से पुलिस लाइन में खड़ा करा लिया।

एंबुलेंस चालकों का कहना है कि यह आंदोलन प्रदेश व्यापी है। पूरे देश में मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार कर आंदोलन किया जा रहा है। हमारी मांगों को पूरा करने की बजाय प्रशासन हमारी आवाज को दबाना चाहता है। लेकिन हम झुकने वाले नहीं है। जिलाध्यक्ष सत्यवान सिंह ने कहा कि जब तक शीर्ष नेतृत्व से कोई वार्ता नहीं हो जाती है, हम लोगों का आंदोलन जारी रहेगा। हमारी मांग है कि एएलएस एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर बदला न जाए। अनुभवी कर्मचारियों को ही रखा जाए। कोरोना काल में प्राणों की आहुति देने वाले आश्रितों के परिवार को पचास लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि सरकार की तरफ से दिया जाए। सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को जब तक नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन नहीं किया जाता है तब तक न्यूनतम वेज तथा 4 घंटे ओटी जाए। 23000 रुपये प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी दिया जाए।

इस दौरान मुख्य रूप से संगठन के आशुतोष शुक्ल, शैलेंद्र सिंह, श्री राम सिंह, अरविद राय, धर्मेन्द्र पासवान, विवेक यादव, दीपक, नरेंद्र कुमार, अजीत कुमार, जितेंद्र कुमार मौजूद रहे।

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मरीजों के तीमारदारों से वसूले अधिक रुपये

देवरिया: शहर हो चाहे गांव जहां भी एंबुलेंस की आवश्यकता हुई। प्राइवेट वाहन व एंबुलेंसों का मजबूरी में लोगों को सहारा लेना पड़ा। जिला अस्पताल पूरा दिन लोग गांवों से प्राइवेट वाहनों से व दो पहिया पर गंभीर मरीजों को लेकर पहुंचे। हरि निवासी सूरजपुर, भरटोली रुद्रपुर को उनके स्वजन प्राइवेट वाहन से लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। बताया कि कई बार फोन किया लेकिन एंबुलेंस नहीं मिली। राजाराम प्रसाद बरहज के स्वजन ने बताया कि गांव से ही प्राइवेट वाहन कर जिला अस्पताल आया हूं, अब इसी वाहन से गोरखपुर मरीज लेकर जा रहा हूं। जिला अस्पताल गेट के समीप खड़े प्राइवेट एंबुलेंस चालकों ने मनमाने ढंग से रुपये वसूले। गोरखपुर के लिए ले जाने के लिए एक से देढ़ हजार रुपये लिए गए।

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