देवरिया कांड : शासन लेता रहा पल-पल की रिपोर्ट, अधिकारियों में बेचनी बढ़ी
देवरिया के बाल गृह बालिका सेक्ट रैकेट कांड का पर्दाफाश होते ही शासन से यहां के बारे में पल पल की जानकारी ली जाती रही। शासन के सख्त रवैये ने अधिकारियों को बेचैन कर दिया था। जब शासन ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ले ली तब दो शीर्ष अधिकारियों की जांच टीम देवरिया भेज दिया।
गोरखपुर : देवरिया के बाल गृह बालिका सेक्ट रैकेट कांड सुर्खियों में आने के बाद शासन सख्त हो गया है। शासन पूरे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन से पल-पल की रिपोर्ट लेता रहा। इसको लेकर जिले के अफसर सकते थे। जिलाधिकारी कैंप कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट परिसर व जिला अस्पताल परिसर में गहमा-गहमी का माहौल रहा। अफसरों की गाड़ियां शहर में दौड़ती रही।
जिलाधिकारी सुजीत कुमार सुबह बाल गृह बालिका पहुंचे। उन्होंने बाल गृह बालिका में उपलब्ध अभिलेखों को देखा। साथ ही कर्मचारियों से पूछताछ की। करीब डेढ़ घंटे तक जिलाधिकारी यहां मौजूद रहे। इसके बाद बाल गृह बालिका को सीज करने की कार्रवाई शुरू की गई, जो करीब दो घंटे तक चली। एसडीएम सदर रामकेश यादव राजकीय बाल गृह पहुंचकर नाबालिगों का बयान दर्ज किया। दोपहर में शासन की तरफ से जिलाधिकारी सुजीत कुमार को हटा दिए जाने की बात मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से फैल गई। इसको लेकर लोगों में चर्चा का माहौल रहा। वहीं शासन की तरफ से जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गई। डीएम की तरफ से पूरे मामले की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी गई। वहीं कैंप कार्यालय पर डीएम सुजीत कुमार, एसपी रोहन पी कनय, सीडीओ राजेश कुमार त्यागी, एएसपी व एसडीएम समेत अन्य अधिकारी घंटों जमे रहे। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार ने डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंपी। वहीं दोपहर में शासन की तरफ से अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार व अपर पुलिस महानिदेशक महिला हेल्पलाइन अंजू गुप्ता को पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए जाने व उनके देवरिया पहुंचने की सूचना से हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस लाइन में उनके आगमन की तैयारियां की गई। दोनों आला अफसर हेलीकाप्टर से सायं 4.10 बजे पुलिस लाइन में पहुंचे। इस दौरान एसपी समेत कई अफसरों ने अगुवाई की। दोनों अफसर कलेक्ट्रेट में पहुंचे। वहीं कमिश्नर अनिल कुमार व आइजी नीलाब्जा चौधरी देवरिया पहुंचकर विकास भवन में जमे रहे, जो बाद देर रात गोरखपुर के लिए वापस लौट गए। वहीं कलेक्ट्रेट में देर रात तक अपर मुख्य सचिव व अपर पुलिस महानिदेशक ने अफसरों से बातचीत की और प्रकरण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की।
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