बाहुबली अतीक के खिलाफ सीबीआइ जांच से जेल कर्मचारियों की मुसीबत बढ़ी
बाहुबली अतीक अहमद ने रियल एस्टेट कारोबारी का अपहरण कर देवरिया जेल में पिटवाया था। उसके खिलाफ सीबीआइ जांच के आदेश हो गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। पूर्व सांसद व बाहुबली अतीक अहमद के देवरिया जेल में रियल एस्टेट कारोबारी की पिटाई कराने का मामला अब गंभीर हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे संज्ञान में लेते हुए मंगलवार को सीबीआइ जांच कराने का आदेश दे दिया। सीबीआइ जांच के आदेश की जानकारी होने के बाद देवरिया जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
बाहुबली नेता के साथ ही देवरिया जेल में उसका सहयोग करने वाले कुछ जेल कर्मियों व अधिकारियों की भी मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ जांच कईयों के गले की फांस बन सकती है। लखनऊ के आलमबाग के विश्वेश्वर नगर निवासी मोहित जायसवाल रियल एस्टेट के कारोबारी है। 26 दिसंबर को लखनऊ से अपहरण कर उसे देवरिया लाया गया। मोहित ने आरोप लगाया था कि जेल में अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने उसकी पिटाई की। साथ ही उसकी दो कंपनियों को भी जबरिया हड़पते हुए कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया।
इस मामले में लखनऊ के आलमबाग थाने में अतीक, फारुख, जकी अहमद, उमर, जफरउल्लाह, गुलाब सरवर और एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इस कांड के बाद अतीक को देवरिया जेल से गैर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। दूसरे जेल में जाने के बाद जेल प्रशासन इस मामले को ठंडे बस्ते में समझ रहा था। इस बीच मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया। सूत्रों का कहना है कि जेल में सीबीआइ की जांच हुई तो जेल प्रशासन के कई कारनामे सामने आएंगे। जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने कहा कि सीबीआइ जांच की जानकारी मिली है। जांच में सीबीआइ का पूर्ण सहयोग किया जाएगा।
बाहुबली नेता के साथ ही देवरिया जेल में उसका सहयोग करने वाले कुछ जेल कर्मियों व अधिकारियों की भी मुश्किल बढ़ती नजर आ रही है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ जांच कईयों के गले की फांस बन सकती है। लखनऊ के आलमबाग के विश्वेश्वर नगर निवासी मोहित जायसवाल रियल एस्टेट के कारोबारी है। 26 दिसंबर को लखनऊ से अपहरण कर उसे देवरिया लाया गया। मोहित ने आरोप लगाया था कि जेल में अतीक अहमद व उसके गुर्गों ने उसकी पिटाई की। साथ ही उसकी दो कंपनियों को भी जबरिया हड़पते हुए कागजात पर हस्ताक्षर करा लिया।
इस मामले में लखनऊ के आलमबाग थाने में अतीक, फारुख, जकी अहमद, उमर, जफरउल्लाह, गुलाब सरवर और एक दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इस कांड के बाद अतीक को देवरिया जेल से गैर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। दूसरे जेल में जाने के बाद जेल प्रशासन इस मामले को ठंडे बस्ते में समझ रहा था। इस बीच मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दे दिया। सूत्रों का कहना है कि जेल में सीबीआइ की जांच हुई तो जेल प्रशासन के कई कारनामे सामने आएंगे। जेल अधीक्षक दिलीप पांडेय ने कहा कि सीबीआइ जांच की जानकारी मिली है। जांच में सीबीआइ का पूर्ण सहयोग किया जाएगा।