गोरखपुर में तेजी से पांव पसार रहा डेंगू, ढाई सौ से अधिक लोग करा रहे इलाज

गोरखपुर में निजी अस्पतालों में ढाई सौ से अधिक मरीज रैपिड जांच के आधार पर डेंगू का इलाज करा रहे हैं। लगभग इतने ही मरीज इलाज कराकर ठीक हो चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में अभी तक सिर्फ 25 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:02 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:02 AM (IST)
गोरखपुर में तेजी से पांव पसार रहा डेंगू, ढाई सौ से अधिक लोग करा रहे इलाज
गोरखपुर में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर जिले में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है। निजी अस्पतालों में ढाई सौ से अधिक मरीज रैपिड जांच के आधार पर डेंगू का इलाज करा रहे हैं। लगभग इतने ही मरीज इलाज कराकर ठीक हो चुके हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड में अभी तक सिर्फ 25 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। रोकथाम के उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। डेंगू धीरे-धीरे पांव पसारता जा रहा है। राहत की बात यह है कि अभी तक जिले में इस बीमारी से कोई मौत नहीं हुई है।

निजी पैथोलाजी सीएमओ कार्यालय को नहीं दे रहे सूचना

सीएमओ कार्यालय के अनुसार रैपिड किट से जांच कराकर इलाज कराने वाले लगभग ढाई सौ मरीज हैं, जिनकी रिपोर्ट अब तक आई नहीं है। ज्यादातर लोग निजी पैथोलाजी में रैपिड जांच कराकर इलाज करा रहे हैं, एलाइजा जांच के लिए रुपये खर्च नहीं करना चाह रहे हैं। निजी पैथोलाजी भी सीएमओ कार्यालय को रैपिड पाजिटिव की सूचना नहीं दे रही हैं। इससे मरीजों की संख्या का सही अनुमान नहीं लग पा रहा है।

रेलवे कालोनियों में खतरा ज्यादा, 70 फीसद मामले वहीं

मलेरिया विभाग रेलवे कालोनियों में डेंगू का सबसे ज्यादा खतरा मान रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन को दो बार पत्र लिखकर एंटी लार्वल के छिड़काव की सलाह दी है। उनके अनुसार रेलवे कालोनियाें में डेंगू के 70 फीसद मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा यांत्रिक कारखाना में काम करने वाले कर्मचारी डेंगू की चपेट में आए हैं।

बरतें ये सावधानी

फुल पैंट-शर्ट पहनें।

मच्छरदानी का प्रयोग करें।

कूलर, फूलदान व पशु-पक्षियों के बर्तन का पानी बदलते रहें।

फ्रिज, कटे-फटे टायर या गमलों में पानी इकट्ठा न होने दें।

लक्षण

तेज बुखार के साथ सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और थकान, डेंगू के लक्षण हो सकते हैं।

डेंगू : एक नजर

वर्ष - मरीज- मौत

2017 - 11 - 02

2018 - 25 - 00

2019 - 114 - 01

2020 - 09 - 00

2021 - 25 - 00

अभियान के आंकड़े

अब तक डेंगू के लक्षण वाले बुखार पीड़ितों की रैपिड जांच - 1184

अब तक एलाइजा जांच - 257

एलाइजा जांच में डेंगू की पुष्टि- 25

डेंगू के मामले बढ़े हैं। स्वास्थ्य टीमें सक्रिय हैं। अभी तक 19606 स्थानों पर एंटी लार्वल का छिड़काव कराया गया है। घरों में या असपास साफ पानी जमा होने को लेकर 52 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। लगातार सात टीमें क्षेत्राें में दौरा कर डेंगू की रोकथाम के उपाय कर रही हैं। निजी अस्पतालों से भी संपर्क किया जा रहा है। स्थिति नियंत्रण में है। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ।

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