CBSE: छात्रों को उत्तीर्ण करने के लिए स्कूलों से मांगें सुझाव Gorakhpur News

सीबीएसई द्वारा सभी स्कूलों को एक प्रारूप भेजा जा रहा है। जिसमें साल भर में हुए प्रोजेक्ट वर्क तथा असाइनमेंट आदि की जानकारी मांगी गई है। इसके आधार पर बोर्ड रिजल्ट तैयार करेगा। स्कूलों के भेजे गए प्रारूप में पंद्रह बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 04:52 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 04:52 PM (IST)
CBSE: छात्रों को उत्तीर्ण करने के लिए स्कूलों से मांगें सुझाव Gorakhpur News
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) ने दसवीं के छात्रों की परीक्षा रद करने के साथ ही उन्हें प्रोन्नत करने की कवायद शुरू कर दी है। बोर्ड ने स्कूलों से इस संबंध में उनके सुझाव मांगें हैं। उम्मीद है इसी आधार पर छात्रों को अंक देकर बोर्ड उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत करेंगे। इस साल जिले के बारह हजार छात्र इसी आधार पर उत्तीर्ण होकर अगली कक्षा में जाएंगे।

साल भर के वर्क की मांगी गई जानकारी

सीबीएसई द्वारा सभी स्कूलों को एक प्रारूप भेजा जा रहा है। जिसमें साल भर में हुए प्रोजेक्ट वर्क तथा असाइनमेंट आदि की जानकारी मांगी गई है। इसके आधार पर बोर्ड रिजल्ट तैयार करेगा। बताया जा रहा है स्कूलों के भेजे गए प्रारूप में पंद्रह बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें छात्रों की पूरी जानकारी शामिल होगी। स्कूलों को साप्ताहिक टेस्ट में शामिल होने से लेकर टर्म परीक्षा में शामिल होने की भी जानकारी देनी है।

छात्रों के वार्षिक प्रदर्शन को तरजीह देंगे स्कूल

बोर्ड द्वारा मांगें गए सुझाव को लेकर लगभग सभी स्कूलों की एक ही राय है। सभी स्कूल छात्रों के वार्षिक प्रदर्शन को ही तरजीह दे रहे हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि स्कूलों की रिपोर्ट ही छात्रों के उत्तीर्ण व अच्छे अंक हासिल करने के आधार बनेंगे।

वार्षिक प्रदर्शन की दी जाएगी जानकारी

सीबीएसई के जिला समन्वयक विशाल त्रिपाठी का कहना है कि बोर्ड ने स्कूलों से छात्रों को प्रमोट करने को लेकर सुझाव मांगें हैं। इसके तहत स्कूलों को छात्रों के वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट की जानकारी देनी होगी। जिसके आधार पर बोर्ड उन्हें नंबर देते हुए अगली कक्षा में प्रोन्नत करेगा। गोरखपुर स्कूल एसोसिएशन के अध्‍यक्ष अजय शाही का कहना है कि सीबीएसई ने स्कूलों के प्रधानाचार्यों से यह राय मांगी है कि कक्षा दस के बच्चों को किस प्रक्रिया से उत्तीर्ण किया जाए। जिससे बच्चों के साथ अन्याय भी न हो और बोर्ड की गरिमा भी बरकरार रहे।

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