Indian Railway News: नेपाल, बांग्लादेश तक बढ़ी आटोमोबाइल्स ढुलाई की मांग, कम समय में पहुंचेगा सामान

भारतीय रेलवे के सभी रूटों पर अब मालगाडिय़ां भी एक्सप्रेस की रफ्तार से दौड़ेंगी। रेलवे बोर्ड ने यात्री ट्रेनों के पुराने कोचों से बने एनएमजी से चलने वाली मालगाडिय़ों की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटे कर दी है। इसका सीधा फायदा आटोमोबाइल्स के साथ-साथ पैक्ड फूड की ढुलाई में होगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 12:54 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 02:45 PM (IST)
Indian Railway News: नेपाल, बांग्लादेश तक बढ़ी आटोमोबाइल्स ढुलाई की मांग, कम समय में पहुंचेगा सामान
रेलवे के सभी रूटों पर अब मालगाडिय़ां भी एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार से दौड़ेंगी। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। पूर्वोत्तर रेलवे, फ्रेट कारिडोर समेत भारतीय रेलवे के सभी रूटों पर अब मालगाडिय़ां (गुड्स ट्रेन) भी एक्सप्रेस (यात्री ट्रेन) की रफ्तार से दौड़ेंगी। रेलवे बोर्ड ने यात्री ट्रेनों के पुराने कोचों से बने न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन (एनएमजी) से चलने वाली मालगाडिय़ों की रफ्तार अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे कर दी है। इसका सीधा फायदा आटोमोबाइल्स के साथ-साथ पैक्ड फूड की ढुलाई में होगा और कम समय में यह माल अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगे।

110 किमी प्रति घंटे की गति से चलेंगी न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन से चलने वाली मालगाडिय़ां

सामान्यत: मालगाड़ी की अधिकतम गति 70 किमी प्रति घंटे होती है, लेकिन यात्री ट्रेनों के पुराने कोचों से निर्मित होने के चलते बोर्ड ने परीक्षण के बाद न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन वाली गुड्स ट्रेनों की गति अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे निर्धारित कर दी थी। इधर, बांग्लादेश और नेपाल सहित देशभर में आटोमोबाइल्स के साथ पैक्ड फूड की ढुलाई की मांग बढऩे लगी है।

ऐसे में बोर्ड ने गति को फिर से बढ़ाते हुए 110 किमी प्रति घंटा कर दिया है। ताकि न्यू माडिफाइड गुड्स वैगन वाली गुड्स ट्रेनों से देश के एक से दूसरे छोर तक कम समय में आटोमोबाइल्स व पैक्ड फूड की ढुलाई की जा सके। बांग्लादेश और नेपाल तक आटोमोबाइल्स का ट्रांसपोर्टेशन काफी बढ़ गया है। नेपाल सीमा से सटे नौतनवा स्टेशन आटोमोबाइल्स टर्मिनल के रूप में तैयार होने लगा है।

कोलकाता के लिए पहली बार हुआ 25 वैगन मैगी का लदान

पूर्वोत्तर रेलवे में पहली बार इज्जतनगर स्थित हल्दीरोड स्टेशन से कोलकाता के लिए 25 वैगन मैगी का लदान हुआ है। फिलहाल, भारतीय रेलवे स्तर पर 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक्सप्रेस ट्रेनें चल रही हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में भी ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे की गति से चल रही हैं। राजधानी, शताब्दी, वंदे भारत और दूरंतो को संचालित करने क लिए के लिए 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के लायक ट्रैक बनाए जा रहे हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे के 762 एनएमजी से ट्रांसपोर्टेशन को लगे पंख

20 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुराने यात्री ट्रेनों के कोचों से एनएमजी तैयार किए जा रहे हैं। गोरखपुर और इज्जतनगर के यांत्रिक कारखानों ने अभी तक 762 एनएमजी तैयार कर आत्मर्निभर बनने व आमदनी बढ़ाने की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। यह सभी एनएमजी पूर्वोत्तर रेलवे और फ्रेट कारिडोर सहित देशभर के रेलमार्गों पर दौड़ रहे हैं। रेलवे की कमाई तो बढ़ी ही है, ट्रांसपोर्टेशन को भी पंख लग गए हैं।

तीव्र, निर्बाध, विश्वसनीय एवं सुरक्षित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना रेलवे की प्राथमिकता है। इसी क्रम में आटोमोबाइल्स परिवहन को आसान बनाने के लिए एनएमजी वैगन बनाए गए हैं। जिनका उपयोग अब पैक्ड खाद्य पदार्थों के परिवहन के लिए भी आरंभ हो गया है। एनएमजी वैगन की गति बढ़ाकर 110 किमी प्रतिघंटा करने के लिए आवश्यक प्रमाण पत्र जारी हो चुका है। इससे आटोमोबाइल्स की ढुलाई एक्सप्रेस ट्रेनों की रफ्तार से हो सकेगी। व्यवसाइयों को भी इसका लाभ मिलेगा। - पंकज कुमार स‍िंह , मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे। 

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