गोरखपुर विश्‍विद्यालय में शिक्षक संघ चुनाव के लिए माहौल गर्माया

शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो.विनोद कुमार सिंह ने पहल करते हुए संघ के चुनाव के लिए कुलपति को पत्र लिखकर चुनाव अधिकारी नियुक्त करने की मांग की है। सप्ताह भर में चुनाव अधिकारी नियुक्त न करने पर इस्तीफा देने को कहा है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 05:49 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:49 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍विद्यालय में शिक्षक संघ चुनाव के लिए माहौल गर्माया
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक संघ अध्यक्ष व कुलपति के बीच विरोध अब सतह पर आ गया है। अध्यक्ष प्रो.विनोद कुमार सिंह ने पहल करते हुए संघ के चुनाव के लिए कुलपति को पत्र लिखकर चुनाव अधिकारी नियुक्त करने की मांग की है। सप्ताह भर में चुनाव अधिकारी नियुक्त न करने पर इस्तीफा देने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि शिक्षक नियमावली के अनुसार शिक्षक साधारण सभा चुनाव अधिकारी नामित कर चुनाव कराने के लिए स्वतंत्र होगी।

विवि शिक्षक संघ का चुनाव 2017 में हुआ था। नियमत: चुनी गई कार्यकारिणी का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। इसके पूर्व संघ के निवर्तमान महामंत्री प्रो.उमेश यादव ने इस मामले को उठाया था और उस समय तत्कालीन कुलपति से चुनाव कराने की मांग की थी।उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि गठित कार्यकारिणी 31 जुलाई 2018 को भंग हो चुकी है। इससे शिक्षकों का हित प्रभावित हो रहा है।

गुआक्टा की मांग स्वीकार तो शिक्षक संघ की क्यों नहीं

विश्‍विद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष ने अपने पत्र में कोरोना से दिवंगत हुए दो शिक्षकों के स्वजन को अनुग्रह राशि देने के अपने आवेदन पर कुलपति द्वारा की गई टिप्पणी पर भी विरोध जताया है। उनका कहना है कि मैंने शिक्षक संघ अध्यक्ष के रूप में दोनों शिक्षकों के परिवारों के लिए शिक्षक कल्याण निधि से पहले से नियत एक-एक लाख रुपये की धनराशि की मांग की थी। इसके लिए प्रार्थना पत्र पर यह टिप्पणी लिखी कि आवेदन दिवंगत शिक्षकों की पत्नियों की ओर से आना चाहिए। जबकि गुआक्टा पदाधिकारियों के आवेदन पर महाविद्यालयों में दिवंगत दो शिक्षकों के परिवार लिए नियत धनराशि अवमुक्त कर दी गई।

शिक्षक संघ अस्तित्‍व में ही नहीं

दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह का कहना है कि शिक्षक संघ का अब अस्तित्व में नहीं है। कार्यकाल समाप्त हो चुका है। फिलहाल तक मुझे कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र मिलने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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