सौंदर्य बढ़ाने वाले उत्पादों की मांग घटी, जानें-क्या है असली कारण Gorakhpur News
मास्क लगाकर घर से निकलने का नियम निर्धारित करने से महिलाएं अब मेकअप से परहेज कर रही हैं। इसलिए ब्लीच पैक लिपस्टिक फेस पॉउडर प्राइमर कंसीलर की मांग घटी है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना संकट ने आम लोगों को ही नहीं बल्कि बाजार को भी प्रभावित किया है। रोजमर्रा में शामिल साबुन, सर्फ, हैंडवाश और सैनिटाइजर की बिक्री में भारी तक उछाल आया है। वहीं दूसरी तरफ सौंदर्य प्रसाधन के व्यापार में 50 से 60 फीसद तक की गिरावट आ चुकी है। ग्राहक वहीं सामान खरीद रहा है जिसकी जरूरत रोज पड़ती है।
इन वस्तुओं की खपत बढ़ी
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लोग सब्जियां, अनाज और सभी चीजों को खरीदने से पहले हाथों को धो रहे हैं और सामान खरीदने के बाद भी हाथों को साबुन या हैंडवॉश से साफ कर रहे हैं। इसी तरह जो लोग घर से बाहर निकल रहे हैं वह वापस जाकर कपड़ा सीधे धुलने को डाल दे रहे है। इस वजह से साबुन, हैंडवॉश और सर्फ की खपत बढ़ी है।
इन वस्तुओं की मांग में भारी कमी
मांग को देखते हुए दर्जनों गुनमान कंपनियों के साबुन, हैंडवाश और सैनिटाइजर बाजार में आ गए हैं। शाहमारुफ के शोक व्यापारी आरिफ अली के मुताबिक साबुन, सर्फ और सैनिटाइजर के छोटे पैक की डिमांड सबसे ज्यादा है। कोरोना को देखते हुए लोग ऐसा पैक खरीद रहे हैं जेब में आसानी से आए जाए। वहीं दूसरी तरफ ब्यूटी क्रीम, फरफ्यूम, लिपिस्टिक, नेलपालिश, फेस पैक और चूडिय़ों की मांग में भारी कमी आई है।
मास्क के कारण मेकअप से परहेज कर रहीं महिलाएं
कॉस्मेटिक व्यवसाय से जुड़े विक्रेता संजय कुमार ने बताया कि मास्क लगाकर घर से निकलने का नियम निर्धारित करने से महिलाएं अब मेकअप से परहेज कर रही हैं। ब्लीच पैक, लिपस्टिक, फेस पॉउडर, प्राइमर, कंसीलर की मांग भी घटी है। सिर्फ मेकअप रिमूवर तथा सनस्क्रीम की मांग ने बाजार को बचाए रखा है।
अक्टूबर से पहले कॉस्मेटिक बाजार में उछाल आने की उम्मीद नहीं
थोक विक्रेता संदीप ने बताया कि आसपास के जिलों से भी दुकानदार सामान खरीदने मंडी में नहीं आ रहे हैं। अक्टूबर से पहले कॉस्मेटिक बाजार में उछाल आने की उम्मीद नहीं है। तब तक लाखों का सामान एक्सपायर हो जाएगा। चूड़ी विक्रेता मोहम्मद फिरोज ने बताया कि लगन और ईद में चूडिय़ों की बिक्री खूब होती थी, लेकिन लॉकडाउन में ही पीक सीजन निकल गया। बिक्री इतनी कम हो गई है कि कर्मचारियों का वेतन तो दूर दुकान का किराया देने में भी दिक्कत हो रही है।