घट रहा नदियों का जलस्तर, राप्ती, बूढ़ी राप्ती और कूड़ा अब भी खतरे के निशान के पार
सिद्धार्थनगर में नदियाेें के जलस्तर में कमी आने लगी है। हालांकि अभी भी राप्ती बूढी राप्ती और कूडा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिससे बाढ से घिरे लोगों की परेशानी बनी हुई है। कई गांवों का संपर्क मार्ग बाधित है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सिद्धार्थनगर जिले में सभी नदी व पहाड़ी नाले का जलस्तर घटने लगा है। लेकिन अभी भी राप्ती और बूढ़ी राप्ती व कूड़ा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इन नदियों में घटाव की गति धीमी है। नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से अभी दर्जनों गांव बाढ के पानी से घिरे हुए हैं। लोगों का घर से निकलना मुश्किल बना हुआ है।
अभी भी बाढ की स्थिति भयावह
नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने की वजह से जलस्तर में कमी आने के बाद भी बाढ़ की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। गांवों में अभी भी पानी लगा हुआ है। सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है। नौगढ़-सोहांस मार्ग पर अभी तक जमुआर का पानी लगा है। जिससे आवागमन बाधित है। बाढ़ प्रभावित गांवों में अभी भी नाव चल रही है।
खतरे के निशान से .86 सेमी ऊपर बह रही राप्ती
बारिश रुकने से सभी नदी व पहाड़ी नालों का जलस्तर घटने लगा है। राप्ती का जलस्तर .06 सेमी कम हुआ है। नदी खतरे के निशान से .86 सेमी ऊपर है। बूढ़ी राप्ती का पानी .13 सेमी कम हुआ है। यह अभी भी खतरे के निशान से 1.24 मीटर ऊपर है। कूड़ा नदी का जलस्तर आलमनगर में .10 सेमी कम हुआ है। यहां पर यह खतरे के निशान से नीचे है। उसका बाजार रेलवे पुल गेज पर भी यह नदी घट रही है। जलस्तर में .14 सेमी कमी आई है। अभी भी नदी खतरे के निशान से .40 सेमी ऊपर बह रही है। घोघी नदी खतरे के निशान से नीचे है। पहाड़ी नाला जमुआर का पानी .15 सेमी कम हुआ है। यह खतरे के निशान से .74 सेमी नीचे आ गया है। बानगंगा बैराज पर नदी खतरे के निशान से नीचे है।
नदियों का जलस्तर (मीटर में)
नदी- जलस्तर- खतरे का निशान
बानगंगा- 93.300- 93.420
राप्ती- 85.760- 84.900
बूढ़ी राप्ती- 86.890- 85.650
कूड़ा (रेलवे पुल)- 83.920- 83.520
कूड़ा (आलमनगर)- 85.000- 87.200
घोघी- 84.900- 87.000
जमुआर- 84.150- 84.890
तेलार- 84.000- 87.500