दो गांवों में 15 दिन में 14 लोगों की मौत से सहमे ग्रामीण

संतकबीर नगर सांथा ब्लाक के मेंहदूपार व अतरी नानकार गांव में मौत ने डेरा डाल दिया है। इन गांवों में 15 दिन के अंदर बुखार खांसी व सांस फूलने से 14 लोगों की मौत होने से ग्रामीण सहम गए हैं। घरों से निकलने से कतरा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 09:25 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 09:25 AM (IST)
दो गांवों में 15 दिन में 14 लोगों की मौत से सहमे ग्रामीण
दो गांवों में 15 दिन में 14 लोगों की मौत से सहमे ग्रामीण

संतकबीर नगर : सांथा ब्लाक के मेंहदूपार व अतरी नानकार गांव में मौत ने डेरा डाल दिया है। इन गांवों में 15 दिन के अंदर बुखार, खांसी व सांस फूलने से 14 लोगों की मौत होने से ग्रामीण सहम गए हैं। घरों से निकलने से कतरा रहे हैं। इससे गलियों में सन्नाटा पसर गया है।

ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार आवेदन के बाद भी स्वास्थ्यकर्मी मरीजों की जांच के लिए नहीं पहुंचे। निगरानी समिति ने भी मरीजों का सैंपल नहीं लिया तथा दवाओं का भी वितरण नहीं किया।

मेंहदूपार गांव के आसिफ ने बताया कि एक सप्ताह पहले बड़े भाई जमील को बुखार के साथ खांसी आने लगी। मेडिकल स्टोर से दवा लाकर खिलाई। तीसरे दिन सांस फूलने लगी। अस्पताल ले जाने की तैयारी चल ही रही थी कि भाई ने दम तोड़ दिया।

इरफान ने बताया कि मां दत्ती खातून की सात दिन पहले रात में तेज बुखार के साथ उल्टी होने लगी। अस्पताल ले जाने की तैयारी हो रही थी कि उनकी मौत हो गई। रहमत ने बताया कि पिता उसमत की सांस फूलने लगी। आक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो सकी और उनकी मौत हो गई। हालांकि पिता को सांस फूलने की दिक्कत पहले से थी। इसी प्रकार गांव के सीताराम और मीना देवी की भी मौत हो गई। इन दोनों को भी तीन दिन से बुखार के साथ खांसी आ रही थी। अतरी नानकार गांव के अवनींद्र पूरी तरह से स्वस्थ थे। सात दिन पहले रात में उन्हें बुखार हुआ। घर के लोगों ने दवा दी पर शाम को उनका निधन हो गया। अवनींद्र अभी मात्र तीस वर्ष के ही थे। गांव की मुन्नी देवी, रामदेव मिश्र, शंभूनाथ चौधरी, हैदर अली, ब्रह्मदेव ठकुराई भी सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित थे। जब तक लोग समझ पाते सभी की मौत हो गई। यह सारी मौतें चंद दिनों के भीतर ही हुईं, जिसके चलते गांव के लोगों में खौफ है।

मेंहदूपार व अतरी नानकर गांव में एक के बाद एक करके मौतों को लेकर जहां भय का माहौल है वहीं स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी भी है। मेंहदूपार के रामचन्द्र शुक्ल, अजहरुद्दीन अंसारी, राम प्रवेश का कहना है कि गांव में हो रही मौतों से लोग डर गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ ही प्रशासन भी ग्रामीणों की सुधि नहीं ले रहा है। अतरी नानकार के नरेंद्र पांडेय, शिवशंकर पांडेय, अभय कुमार, रघुबर का कहना है कि न तो यहां कोरोना की जांच हो रही है न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ही आ रही है। निगरानी समितियां भी दवा का वितरण नहीं कर रही है। गांव के कई लोगों में कोरोना जैसे लक्षण हैं। बुखार से तपते लोग, सांस फूलने से बेदम होते लोग, सर्दी-खांसी से तबाह लोगों की सुधि लेने को जिम्मेदार तैयार नहीं हैं। कई बार अधिकारियों से गांव में टीकाकरण व जांच कराने की मांग की गई पर उन्होंने आश्वासन देकर टरका दिया।

सीएमओ इंद्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि दोनों गांवों में मौत के कारणों की जांच के लिए गुरुवार को चिकित्सकों की टीम भेजी जाएगी। कारेाना का लक्षण दिखने वालों की जांच कराई जाएगी और बुखार पीड़ित लोगों को दवा का वितरण सुनिश्चित कराया जाएगा। ग्रामीण रोग छिपाएं नहीं। डाक्टर के परामर्श से इलाज कराएं। ---------

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