रफ्तार बनकर आई मौत, थम गईं छह की सांसें

क्षेत्र में सोमवार की शाम से ही सिर्फ इसी हादसे की चर्चा हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इन सबके बीच हादसे के शिकार मृतकों के दोस्त बदहवास हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 06:30 AM (IST)
रफ्तार बनकर आई मौत, थम गईं छह की सांसें
रफ्तार बनकर आई मौत, थम गईं छह की सांसें

महराजगंज: छह लोगों की मौत के बाद फरेंदा थानाक्षेत्र के लेजार महदेवा के टोला लीलाछापर में कोहराम मचा हुआ है। रफ्तार बनकर आई मौत ने छह की सांसें रोक दीं। आसपास के गांव में सन्नाटा पसरा है। क्षेत्र में सोमवार की शाम से ही सिर्फ इसी हादसे की चर्चा हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर इन सबके बीच हादसे के शिकार मृतकों के दोस्त बदहवास हैं। उनके सामने मौत का दृश्य नाच रहा है। गांव के दुर्गेश, राजकुमार, कमलेश व नितेश दोस्तों के जाने से गमगीन हैं। वह लोग दौड़कर मित्र दोस्तों के घर जाकर उनके स्वजनों को ढांढस बंधा रहे है। उन्होंने बताया कि सभी लोगों का व्यवहार गांव में कुशल था। सभी लोग मिलनसार थे। एक दूसरे के सुख व दुख में आना जाना लगा रहता था। इतनी बड़ी घटना के बाद मानों गांव की बगिया उजड़ गई हो। सुदेश के बच्चे हो गए अनाथ

सड़क दुर्घटना में मौत के बाद सुदेश उर्फ लल्लू का परिवार व दो बच्चे अनाथ हो गए। मौत की सूचना के बाद सुदेश के स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी पत्नी गीता मौत की सूचना के बाद बार-बार बेहोश हो जा रही थी। महिलाएं पानी का छींटा डालकर उन्हें बार-बार होश में लाने का प्रयास कर रही थी। उनकी पत्नी ने बताया कि उनके पास एक पुत्र है जिसका नाम आदित्य है। वही एक सात माह की बच्ची है, जिसका नाम अदिति है। पति की मौत के बाद गमों का पहाड़ टूट गया है। आखिर काल ने बदल दिया रास्ता

आनंदनगर: लीलाछापर में परछावन के बाद कमलेश कुमार की बरात परासखाड़ होते हुए कैंपियरगंज थाना क्षेत्र के हनुमानगंज चली गई। अंतिम गाड़ी कार के रूप में बची थी, जिसमें सात लोग सवार हुए। वहीं, मोटरसाइकिल से बरात जा रहे सुदेश उर्फ लल्लू को भी लोगों ने आवाज देकर कार में बैठा लिया। चालक राजू ने जैसे ही कार की गति तेज की महिलाओं ने उन्हें कहा कि सारी गाड़ियां परासखाड़ होते हुए जा रही हैं। तुम लोग भी इधर से ही निकल जाओ, यह मार्ग बेहतर है। लेकिन सबके सिर के ऊपर सवार काल के कारण लोगों ने महिलाओं की बात अनसुना कर दिया। चालक वह रास्ता छोड़कर फरेंदा कस्बे से होते हुए हनुमानगंज के लिए निकल दिया। अभी वह सभी करहिया पुल पर ही पहुंचे थे कि काल बनकर आए ट्रक ने कार को रौंद दिया, जिससे उसमें सवार छह लोग असमय काल के गाल में समा गए। घटना के बाद ग्रामीणों ने कहा कि आखिर काल ने रास्ता बदल ही दिया।

chat bot
आपका साथी