गोरखपुर के ग्रामीण मजदूरों का डाटा तीन दिन में होगा फीड, तब मिलेगा हर माह एक हजार
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से हर मजदूर को एक हजार रुपये की धनराशि उसके खाते में भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि ठेलाखोमचा एवं रेहड़ी लगाने वाले व्यक्तियों का विवरण तीन दिन में फीड कर दिया जाए।
गोरखपुर, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्रों में रोज कमाकर खाने वाले लोगों का भरण पोषण भत्ता देने के लिए तीन दिन में लाभार्थियों का डाटा फीड करना होगा। अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने इस कार्य की आनलाइन समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिया। जिले में अभी तक करीब 6500 लाभार्थियों का विवरण फीड किया जा चुका है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में गोरखपुर से उपस्थित मुख्य विकास अधिकारी इंद्रजीत सिंह एवं जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि समय से सभी लोगों का डाटा फीड कर दिया जाएगा।
हर ग्राम पंचायतों से मजदूरों का विवरण फीड करना आवश्यक
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से हर मजदूर को एक हजार रुपये की धनराशि उसके खाते में भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि ठेला,खोमचा एवं रेहड़ी लगाने वाले व्यक्तियों का विवरण तीन दिन में फीड कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि हर ग्राम पंचायत से मजदूरों का विवरण फीड होना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर संबंधित पंचायत सचिव जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गोरखपुर में हो रहे कार्य की प्रगति की समीक्षा की।
6500 लाभार्थियों का डाटा हो चुका है फीड
समीक्षा के दौरान लखनऊ से पंचायती राज की निदेशक किंजल सिंह एवं मनरेगा के अपर आयुक्त योगेश कुमार भी जुड़े थे। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर में रोज कमाकर खाने वाले लोगों को चिन्हित करने का काम तेजी से चल रहा है। 10 हजार से अधिक लोग चिन्हित किए गए हैं, इनमें से 6500 से अधिक लोगों का विवरण भी फीड किया जा चुका है। जल्द ही अन्य लोगों का विवरण भी फीड कर दिया जाएगा। गोरखपुर से मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी के अलावा अपर जिला पंचायत राज अधिकारी राजेश कुमार ङ्क्षसह एवं सभी ब्लाकों के खंड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी पंचायत ने प्रतिभाग किया।
मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना में बेरोजगार हुए मजदूरों के भरण पोषण के लिए हर माह एक हजार रुपये देने की घोषणा की थी। उनके घोषणा के बाद ही गांव के मजदूरों का डाटा तैयार किया जा रहा है। डाटा तैयार करने के बाद उसे फीड किया जाएगा। इसके लिए विभाग के पास तीन दिन का समय बचा हुआ है। इसके बाद ही जानकारी हो पाएगी कि गांवों में कुल कितने मजदूर हैं।