क्षतिग्रस्त मार्ग पर आवागमन मुश्किल

क्षेत्र के विजवार बढ़ई से निकल कर पेड़रियाजीत तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। गिट्टियां उखड़ कर इधर-उधर पड़ी हैं। जिन पर फिसलकर आए दिन राहगीर चोटहिल हो रहे हैं। मार्ग में बने करीब आधा दर्जन पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई है। बावजूद इसके अभी तक न तो कार्यदायी संस्था न ही किसी जिम्मेदार की नजर इस पर पड़ी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:56 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:56 PM (IST)
क्षतिग्रस्त मार्ग पर आवागमन मुश्किल
क्षतिग्रस्त मार्ग पर आवागमन मुश्किल

सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के विजवार बढ़ई से निकल कर पेड़रियाजीत तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह जर्जर हो चुका है। गिट्टियां उखड़ कर इधर-उधर पड़ी हैं। जिन पर फिसलकर आए दिन राहगीर चोटहिल हो रहे हैं। मार्ग में बने करीब आधा दर्जन पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई है। बावजूद इसके अभी तक न तो कार्यदायी संस्था न ही किसी जिम्मेदार की नजर इस पर पड़ी है।

करीब आठ किमी दूरी का उक्त मार्ग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। पूरा मार्ग जर्जर हो गया है। बड़ी-बड़ी गिट्टियां उखड़कर सड़क सहित पटरियों पर फैली हुई है। राहगीरों को जान जोखिम में रखकर इस मार्ग पर सफर तय करना पड़ता है। क्योंकि उखड़ी गिट्टियों पर कब साइकिल व मोटर साइकिल फिसल जाए व सवार गिरकर घायल हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। क्षेत्रवासी नरेंद्र दुबे, प्रदीप, असफाक, इस्लाम, पंकज, मतीम, महेंद्र, दीपक, झिन्नू आदि ने जिम्मेदारों से जर्जर मार्ग के जल्द दुरुस्तीकरण की मांग की है। सहायक अभियंता व्यास मुनि ने कहा कि बजट की डिमांड हुई है। मिलने पर मरम्मत कार्य कराए जाएंगे। ग्यारह माह में ही उखड़ गई इंटरलाकिग

सिद्धार्थनगर : गांव के विकास कार्य में हो रहे भ्रष्टाचार युक्त मसाले के प्रयोग पर विराम नहीं लग रहा। जो भी कार्य हो रहे वह मात्र कुछ माह तक ही जीवंत दिखाई देते हैं, इसके बाद उनके अस्तित्व पर खतरा मड़राने लगता है। खेसरहा विकास खंड के ग्राम पंचायत दुलही में श्रम विभाग से निर्मित हुई नाली व इंटरलाकिग सड़क इसकी गवाही कर रही है।

श्रम विभाग के निधि से 11 माह पूर्व इस गांव में छह सौ मीटर इंटरलाकिग और तीन सौ मीटर नाली का निर्माण कराया गया। इसमें सरकार के 42 लाख रुपये खर्च हुए। ग्रामीणों में इस बात काफी खुशी थी कि उन्हें अब जल जमाव की समस्या से परेशान नहीं होना पडे़गा। लेकिन भ्रष्टाचार के मसाले ने उनकी खुशी कुछ माह में ही काफूर कर दिया। नाली पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। बीते बारिश में गांव फिर जल जमाव के गिरफ्त में था। नाली ध्वस्त होने से इंटरलाकिग सड़क भी उखड़ चुकी है।

गांव के अशोक त्रिपाठी, ऋषि मुनि, श्रावण कुमार आदि का कहना है कि निर्माण कार्य में की जा रही मानक की अनदेखी पर हम लोगों ने ब्लाक पर शिकायत तो किए थे पर कुछ हुआ नहीं। खेसरहा के बीडीओ सुशील अग्रहरि ने कहा कि जिस कार्यदायी संस्था ने निर्माण कराया उसे पत्र प्रेषित किया हूं। टूटी हुई नालियों व इंटरलाकिग को पुन: ठीक कराया जाएगा।

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